डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद भारत-अमेरिका संबंधों में नई ऊर्जा, जयशंकर के साथ अमेरिका ने की बैठक

Uday Kumar Pandey
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संवाददाता, मिरर मीडिया: अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप के शपथ लेते ही उनकी सरकार ने कूटनीतिक मोर्चे पर सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है। भारत को प्राथमिकता देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ज़ ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ अपनी पहली द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय बैठकें कीं।

द्विपक्षीय बैठक में भारत-अमेरिका साझेदारी पर चर्चा

वाशिंगटन डीसी में फॉगी बॉटम मुख्यालय में हुई इस बैठक में भारत-अमेरिका के सामरिक और रणनीतिक रिश्तों को मजबूत बनाने पर चर्चा हुई। इस दौरान भारत के अमेरिकी राजदूत विनय क्वात्रा भी मौजूद थे। बैठक के बाद दोनों नेताओं ने मीडिया के सामने हाथ मिलाया और इस वार्ता को महत्वपूर्ण बताया।एस जयशंकर ने ट्वीट किया, “विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ मेरी पहली आधिकारिक बैठक बहुत ही सकारात्मक रही। हमने द्विपक्षीय साझेदारी की समीक्षा की और वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार साझा किए।”

क्वाड बैठक: हिंद-प्रशांत पर फोकस

द्विपक्षीय वार्ता के तुरंत बाद क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने हिस्सा लिया। यह बैठक ट्रंप प्रशासन के शपथ ग्रहण के कुछ घंटे बाद ही हुई, जो क्वाड के प्रति ट्रंप सरकार की प्राथमिकता को दर्शाता है।

जयशंकर ने बैठक के बाद ट्वीट किया, “आज वाशिंगटन में एक उत्पादक क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लिया। इस बैठक ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया।”

राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी दिया गया जोर

इन बैठकों के बाद जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ज़ से भी मुलाकात की। यह वाल्ज़ की पहली अंतरराष्ट्रीय बैठक थी, जिसमें दोनों देशों ने सुरक्षा, स्थिरता और वैश्विक सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया।डोनाल्ड ट्रंप की नई प्रशासन की इस पहल से भारत-अमेरिका रिश्तों को एक नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

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मैं उदय कुमार पाण्डेय, मिरर मीडिया के न्यूज डेस्क पर कार्यरत हूँ।