बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज को बड़ा झटका लगा है। वीआरएस लेकर जन सुराज पार्टी में शामिल होने वाले आनंद मिश्र ने पार्टी में मिले अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। जन सुराज से जुड़ने के बाद वे एक्टिव मोड में नजर आ रहे थे। लोगों के बीच जा रहे थे। प्रशांत किशोर के साथ भी घूम रहे थे। हालांकि बीते करीब एक से उन्होंने जन सुराज से दूरी बना ली है। वे नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में आनंद मिश्रा को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे।

बीजेपी के टिकट पर लड़ सकते हैं विधानसभा चुनाव
जन सुराज छोड़ने के बाद आनंद मिश्रा के बीजेपी में जाने की चर्चा हो रही है। माना जा रहा है कि आनंद मिश्रा को बक्सर से या बक्सर लोकसभा के अंतर्गत आने वाली किसी सीट से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। अमर उजाला की एक रिपोर्ट के मुताबिर आनंद मिश्रा ने कहा है कि वह यहां काम करने के लिए यहां आये थे, हाथी का दांत बनने के लिए नहीं। उन्होंने कहा कि उन्हें पद का लोभ नहीं है, क्यों कि वह जिस पद को छोड़कर जनसुराज में शामिल हुए, उससे बड़ा पद यह नहीं है, जिसका त्याग उन्होंने अभी किया है। उन्होंने अपनी आगे की रणनीति भी तय कर ली है।
जनसुराज को हो सकता है नुकसान
बता दे कि आनंद मिश्रा का नाम बक्सर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में संभावित था, लेकिन टिकट न मिलने के बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा। बाद में उन्होंने जनसुराज पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। हाल ही में वे प्रशांत किशोर की कई बैठकों से भी गायब थे, जिससे उनके पार्टी छोड़ने की अटकलें तेज हो गईं। बताया जा रहा है कि वे पिछले कुछ महीनों से भाजपा के संपर्क में हैं और अब पार्टी में शामिल होने की औपचारिकता जल्द पूरी हो सकती है। उनके इस कदम से जनसुराज को संगठनात्मक तौर पर बड़ा नुकसान हो सकता है क्योंकि आनंद मिश्रा न केवल युवा नेताओं के बीच लोकप्रिय हैं बल्कि प्रशासनिक अनुभव भी रखते हैं।
बता दें कि आनंद मिश्रा मूल रूप से बिहार के बक्सर जिले के निवासी हैं। वो 22 वर्ष की उम्र में यूपीएससी परीक्षा पास कर आईपीएस बने थे और मणिपुर हिंसा की SIT में भी शामिल रहे। सेवा से इस्तीफा देते हुए उन्होंने ‘आज़ादी की ज़िंदगी’ जीने की बात कही थी।