एशिया की पहली ग्लोबल हाइपरलूप प्रतियोगिता 2025 का समापन, भारतीय रेलवे और आईआईटी मद्रास ने किया बड़ा समझौता

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नई दिल्ली: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास द्वारा आयोजित एशिया की पहली ग्लोबल हाइपरलूप प्रतियोगिता 2025 का समापन हुआ। इस अवसर पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े और उन्होंने नवाचार को सतत रूप से बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया। समारोह में आईआईटी मद्रास के निदेशक वी. कामकोटी सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।

प्रतियोगिता के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली टीमों को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें बेस्ट डेमोंस्ट्रेशन टीम अवॉर्ड, ब्रेकिंग और ट्रैक्शन सिस्टम में श्रेष्ठता, तथा सर्वश्रेष्ठ मैकेनिकल सब-सिस्टम अवॉर्ड शामिल थे। रेल मंत्री ने कहा कि ये पुरस्कार भारत के युवा वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की विश्व स्तरीय क्षमताओं को दर्शाते हैं। उन्होंने इस प्रतियोगिता में शामिल टीम अविष्कार का हिस्सा रहने की अपनी पुरानी यादें भी साझा कीं।

रेल मंत्री ने यह भी घोषणा की कि भारतीय रेल और आईआईटी मद्रास मिलकर वर्टिकल टेक-ऑफ लैंडिंग व्हीकल विकसित करेंगे, जिसे रेलवे द्वारा वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह परियोजना यात्रा के साधनों में आधुनिक बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगी। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं सीईओ सतीश कुमार समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

आईआईटी मद्रास में स्थित भारत की पहली हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक, जो 422 मीटर लंबी है, भारतीय रेल और शिक्षा क्षेत्र के बीच मजबूत साझेदारी का प्रतीक है। यह पहल भारत को वैश्विक स्तर पर रेलवे इनोवेशन और अत्याधुनिक यात्रा तकनीकों में अग्रणी बनाने में सहायक होगी।

‘नेट जीरो’ कॉर्बन की दिशा में भारतीय रेल ने बढ़ाया कदम

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 में निवेशकों और उद्यमियों को संबोधित करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे के विद्युतीकरण और वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को लेकर अपने विजन को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेलवे को ‘नेट जीरो’ कॉर्बन लक्ष्य प्राप्त करने का निर्देश दिया है, जिसे पूरा करने के लिए वित्त वर्ष 2025-26 में शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिफिकेशन किया जाएगा।

रेल मंत्री ने बताया कि भारतीय रेलवे अब तक 1,500 मेगावॉट रिन्यूएबल एनर्जी स्रोतों के साथ समझौता कर चुका है। इसी क्रम में, मध्य प्रदेश सरकार और रेलवे मंत्रालय के बीच 170 मेगावॉट के रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट पर एक महत्वपूर्ण समझौता (PPA) हुआ है। उन्होंने अन्य राज्यों से भी आग्रह किया कि वे अपने रिन्यूएबल, विंड, हाईड्रो या न्यूक्लियर प्रोजेक्ट्स से रेलवे को ऊर्जा आपूर्ति करें।

रेल मंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश को रेलवे विकास के लिए ऐतिहासिक 14,745 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। 2014 से पहले जहां राज्य में प्रतिवर्ष मात्र 29 किमी रेलवे ट्रैक बिछाया जाता था, वहीं अब यह आंकड़ा 230 किमी प्रति वर्ष तक पहुंच चुका है। उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव की भी सराहना की और कहा कि राज्य में रेलवे विकास कार्यों को गति देने के लिए वे लगातार अधिकारियों के साथ संवाद कर रहे हैं।

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