कोलकाता के पार्क सर्कस सेवन पॉइंट इलाके में रामनवमी के जुलूस के लौटते वक्त बड़े पैमाने पर हिंसा की घटना सामने आई है। दावा किया गया है कि इस दौरान हिंदू श्रद्धालुओं को निशाना बनाकर उन पर पत्थरबाज़ी की गई, सिर्फ इसलिए क्योंकि उनके वाहनों पर भगवा झंडे लगे थे। इस हमले में कई वाहनों की विंडशील्ड टूट गई और इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
इस घटना को लेकर बीजेपी के पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष और सांसद डॉ. सुकांत मजूमदार ने ममता सरकार और कोलकाता पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा करते हुए कहा कि यह कोई आकस्मिक घटना नहीं थी, बल्कि एक पूर्व नियोजित और लक्षित हिंसा थी। उन्होंने सवाल उठाया कि उस समय पुलिस कहां थी, जब यह सब हो रहा था? उनका आरोप है कि पुलिस मौके पर मौजूद तो थी, लेकिन मूकदर्शक बनी रही—कोई कार्रवाई नहीं की।
मजूमदार ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा चुनी गई पुलिस उनकी ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ के चलते पूरी तरह से पंगु बन गई है। उन्होंने कहा, “सरकार की यह कायरतापूर्ण निष्क्रियता यह साबित करती है कि रामनवमी के दौरान एकजुट होकर दहाड़ने वाले बंगाली हिंदुओं ने व्यवस्था को हिला कर रख दिया है।”
उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ‘शांति वाहिनी’ पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे शांतिपूर्ण नहीं, बल्कि डरे और घबराए हुए लोग हैं। उन्होंने ऐलान किया कि यह तो बस शुरुआत है, और अगले साल पार्क सर्कस से एक और भी बड़ा, ज़ोरदार और शक्तिशाली रामनवमी जुलूस निकलेगा। मजूमदार ने विश्वास जताया कि “आज जो पुलिस मूक बनी रही, वही अगले साल हम पर फूल बरसाएगी।”
फिलहाल प्रशासन की ओर से इस घटना पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। वहीं, बीजेपी इस पूरे मामले को लेकर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पर लगातार हमलावर बनी हुई है।