जमुई, 30 अप्रैल 2025: राष्ट्रीय बाल श्रम उन्मूलन दिवस के शुभ अवसर पर आज सुबह जमुई में जन जागरूकता हेतु प्रभात फेरी का आयोजन किया गया। यह प्रभात फेरी समाहरणालय परिसर से रवाना की गई, जिसे जिला पदाधिकारी, उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, सिविल सर्जन और श्रम अधीक्षक की उपस्थिति में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर जिला श्रम प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
श्रम अधीक्षक रतीश कुमार ने जानकारी दी कि बाल श्रम उन्मूलन को लेकर जिला प्रशासन द्वारा सघन प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में 5 मई 2025 को विशेष छापेमारी अभियान चलाया जाएगा, जिसमें धावा दल द्वारा बाल श्रमिकों की पहचान की जाएगी। निरीक्षण के दौरान यदि कोई नियोजक बच्चों से काम कराता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा बाल श्रमिकों को मुक्त कराने के बाद उनकी शिक्षा, पुनर्वास और आर्थिक सहायता की व्यवस्था की जाती है। सर्वोच्च न्यायालय के एम.सी. मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार मामले के अनुसार, बाल श्रम कराने वाले नियोजकों को प्रत्येक बाल श्रमिक के लिए 20,000 रुपये जिला बाल श्रमिक पुनर्वास कोष में जमा करने होते हैं। साथ ही मुक्त कराए गए योग्य बाल श्रमिकों को 3,000 रुपये तत्काल सहायता के रूप में दिए जाते हैं।
पुनर्वास के लिए विशेष प्रावधान:
- बाल कल्याण समिति द्वारा पुनर्वास के लिए सहायता दी जाती है।
- बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के तहत 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 25,000 रुपये का अनुदान दिया जाता है।
- अब 14 से 18 वर्ष के किशोरों के लिए भी यही अनुदान प्रावधान किया गया है, बशर्ते उनका विवरण चाइल्ड लेबर ट्रैकिंग सिस्टम में दर्ज हो।
बाल श्रम के विरुद्ध लगातार कार्रवाई: जिले में NGOs के सहयोग से निरंतर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। श्रम विभाग की ओर से छापेमारी अभियानों के तहत बाल श्रम में लिप्त नियोजकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाती है। बाल श्रमिकों को District Task Force के माध्यम से शिक्षा, आवास और अन्य आवश्यक सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं।
गर्मी के मद्देनजर अपील: श्रम विभाग द्वारा सभी नियोजकों से यह अपील की गई है कि वे श्रमिकों, विशेषकर निर्माण श्रमिकों से दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक कार्य न करवाएं तथा उन्हें गर्मी से बचाव के लिए पेयजल की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराएं।
जमुई प्रशासन का यह प्रयास बाल श्रम के उन्मूलन की दिशा में एक ठोस कदम है, जिससे ना केवल बच्चों का बचपन सुरक्षित होगा, बल्कि उन्हें शिक्षा और एक बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर किया जा सकेगा।

