मिरर मीडिया : भाजपा के अंदरखाने में सबकुछ ठीक नही चल रहा कोई अपनी ताकत की आजमाइश में लगे हुए हैं तो कोई अपनी मजबूती शीर्ष नेताओं को दिखाने में लगे हुए हैं। ताजा मामला तिरंगा यात्रा को लेकर देखने को मिला जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इस दौरान भाजपा द्वारा हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है। जहां आम लोगो को इस अभियान से जोड़ने का प्रयास भी किया जा रहा है। इसी को लेकर 13 अगस्त को बाघमारा से भाजपा विधायक ढुल्लू महतो के नेतृत्व में तिरंगा यात्रा निकाली गई जो कि बाघमारा से होते हुए धनबाद के बिरसा मुंडा तक पहुंची इस दौरान एक सभा का आयोजन भी किया गया। तिरंगा यात्रा में भाजपा के सभी लोग दिखे।
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को भी मुख्य अतिथि एवं सांसद पशुपतिनाथ सिंह को विशिष्ट अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था लेकिन धनबाद विधायक राज सिन्हा कहीं नजर नहीं आए कारण उन्हें न तो इसकी जानकारी दी गई थी ना ही आमंत्रित किया गया था।
जबकि बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो जिस कार्यक्रम का समापन धनबाद के हीरक रोड स्थित नव निर्मित इंडोर स्टेडियम में किए। वह धनबाद विधानसभा क्षेत्र में ही आता है लेकिन स्थानीय विधायक राज सिन्हा को एक औपचारिक न्यौता तक नहीं दी गई। इससे साफ प्रतीत होता है कि भाजपा में कही न कहीं कुछ अंदुरूनी कलह बरकरार है एवम नेताओं के बीच खींचतान जारी है
हालांकि पूरे मामले पर विधायक राज सिन्हा ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इसकी जानकारी संगठन नेतृत्व को दी जाएगी, किस वजह से उनको नहीं पूछा गया यह समझ से परे है।
बहरहाल हर घर तिरंगा अभियान के तहत पार्टी का झंडा एवम बैनर का इस्तेमाल नहीं करने जाने और सिर्फ और सिर्फ तिरंगा के इस्तेमाल करने के निर्देश दिए गए हैं जबकि विधायक ढुल्लू महतो की जनसभा में ना सिर्फ पार्टी के कमल निशान का इस्तेमाल किया गया..बल्कि पार्टी का प्रचार साफ दिख रहा था।
इससे यह अंदेशा लगाया जा सकता है कि पार्टी के निर्देश के विरुद्ध जाकर बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो अपने जनाधार मजबूत करने के लिए तिरंगा अभियान का इस्तेमाल कर रहें है। बहर हाल धनबाद विधायक को आमंत्रित नहीं करने को लेकर पार्टी के शीर्ष नेता किस प्रकार से देखते हैं और यह आपसी खींचतान कितना दूर तक जाता है और क्या कुछ निकल कर सामने आता है यह देखना दिलचस्प होगा।