झारखंड के गुमला जिले के झलकापाठ गांव में इलाज में देरी के कारण 19 वर्षीय गर्भवती युवती सुकरी कुमारी और उसके बच्चे की मौत का मामला सामने आया है। सड़क सुविधा के अभाव में गंभीर अवस्था में भी सुकरी कुमारी को बहंगी में लादकर अस्पताल ले जाना पड़ा, लेकिन समय पर इलाज नहीं मिल सका और मां-बच्चे दोनों की जान चली गई।
इस घटना को लेकर झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट साझा कर राज्य सरकार पर कड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि झारखंड के आदिवासी बहुल इलाकों में इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जहां बुनियादी सुविधाओं के अभाव में लोगों को गंभीर पीड़ा झेलनी पड़ रही है।
सरकार पर गंभीर आरोप
बाबूलाल मरांडी ने अपने पोस्ट में कहा कि ऐसी दुखद घटनाएं होने के बावजूद सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार मानवीय संवेदनाओं से रिक्त होती जा रही है और आदिवासी क्षेत्रों की लगातार उपेक्षा हो रही है।
सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग
उन्होंने यह भी कहा कि जिन स्थानों पर पहले भी मरीजों को खाट या बहंगी पर अस्पताल ले जाना पड़ा है, उन इलाकों को चिन्हित कर वहां आवागमन की सुगम व्यवस्था की जानी चाहिए। साथ ही हर गर्भवती महिला और बीमार व्यक्ति को समय पर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया तेज
इस घटना के बाद राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था और ग्रामीण सड़क सुविधा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। फिलहाल, इस मामले पर राज्य सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। घटना को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो गई है।

