मिरर मीडिया : एक बार फिर झारखंड में शराब नीति को लेकर बाबूलाल मरांडी सत्ता पक्ष के हेमंत सोरेन सरकार पर हमलावार दिखें। बता दें कि झारखंड में तय टारगेट के मुताबिक शराब नहीं बिकने का सीधा असर सरकार के खजाने पर पड़ा है। आमदनी में कमी से चिंतित सरकार ने शराब बेचने के लिए बतौर कंसल्टेंट काम कर रही छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड को हटा दिया है। तत्कालीन विभागीय मंत्री दिवगंत जगरनाथ महतो ने इससे संबंधित आदेश भी जारी किया था।
इसके साथ ही सरकार ने अपनी एक्साइज पॉलिसी के रिव्यू का निर्णय भी लिया। साल 2022-23 में राज्य सरकार ने शराब की बिक्री से सरकारी खजाने में 2310 करोड़ की रकम आने का अनुमान लगाया था, लेकिन सरकार को मात्र 1750 करोड़ रुपए की कमाई हुई। यह राशि निर्धारित राशि से 560 करोड़ रुपए कम थी हालांकि होली सीजन के दौरान एक से सात मार्च तक राज्य में लगभग 139 करोड़ रुपए की शराब बेची गयी।
बता दें कि झारखंड में शराब की बिक्री से राजस्व बढ़ाने के लिए वर्ष 2022-23 में नयी उत्पाद नीति लागू की गयी थी। इसके तहत ‘छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड’ को कंसल्टेंट नियुक्त किया गया था झारखंड में शराब बेचने के लिए नियुक्त छत्तीसगढ़ सरकार की कंसल्टेंट कंपनी को झारखंड सरकार ने हटा दिया है।
खबरों से पता चला है कि छत्तीसगढ़ से इम्पोरटेड शराब घोटाला नीति से चोट खाये मुख्यमंत्री जी ने अपनी पार्टी के माध्यम से हमसे बेहतर शराब नीति पर सलाह माँगी है।
— Babulal Marandi (@yourBabulal) April 21, 2023
मुख्यमंत्री जी को आये इस आत्म ज्ञान(विलंब से ही सही) का हम स्वागत करते हैं।
लेकिन उन्हें पहले यह बताना चाहिये कि शराब…
वहीं बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट करते हुए इस बाबत लिखा है कि खबरों से पता चला है कि छत्तीसगढ़ से इम्पोरटेड शराब घोटाला नीति से चोट खाये मुख्यमंत्री जी ने अपनी पार्टी के माध्यम से हमसे बेहतर शराब नीति पर सलाह माँगी है। मुख्यमंत्री जी को आये इस आत्म ज्ञान (विलंब से ही सही) का हम स्वागत करते हैं।
लेकिन उन्हें पहले यह बताना चाहिये कि शराब कारोबार में बेहतर नीति का सुझाव उन्हें और लूट का माल कमाने के लिये चाहिये या सरकारी राजस्व बढ़ाने के लिये?
अगर लूटना ही है तो फिर उनके पास तो इसके लिये बेहतर सुझाव देने वाली पंकज, पूजा, प्रेम, अमित, बीरेन्द्र, दाहू, बच्चू, छवि, अफ़सर जैसे विशेषज्ञों” की टीम तो है ही। यह अलग बात है कि इनमें से कई जेल पंहुच गये हैं और कई जेल जाने की लाईन में अपनी बारी आने का इंतज़ार कर रहे हैं।