मिरर मीडिया : बीते डेढ़ वर्षो से जेल में बंद बादल गौतम को आज अदालत से बड़ी राहत मिली है। आपको बता दें कि धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरज कुमार विश्वकर्मा की अदालत ने कोयला व्यापारी बादल गौतम को संदेह का लाभ देते हुए बाइज्जत बरी कर दिया। वहीं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता जितेंद्र कुमार एवं सुबोध कुमार ने पैरवी की वहीं अभियोजन का संचालन अपर लोक अभियोजक एवं सूचक की ओर से अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने किया। वही पीड़ित पक्ष ने अपने ऊपर अन्याय की ही बातें कही है।
बैंक मोड़ थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक एक महिला के साथ प्रेमी के दोस्त बादल गौतम ने दुष्कर्म किया। कई शहरों में बंधक बना कर महिला के साथ जोर-जबर्दस्ती की गई। प्रेमी संकेत कृष्णानी के दोस्त बैंक मोड़ तेतुलतल्ला के बादल गौतम ने महिला से लाखों रुपए और बेशकीमती गहने भी ले लिए। किसी तरह पीछा छुड़ाकर निकली महिला ने बादल गौतम के खिलाफ बैंक मोड़ थाने में अगवा कर दुष्कर्म करने की प्राथमिकी 21 सिंतबर 20 को दर्ज कराई थी। अनुसंधान के बाद पुलिस ने बादल गौतम के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था आरोप तय किए जाने के बाद सुनवाई शुरू हुई थी।
पूर्व कोयला अधिकारी की बेटी ने बादल पर लाखों रुपये के साथ ही सोना लूटने का आरोप लगाया था। उसका कहना है कि बादल ने बर्बाद कर डाला। उसकी अस्मत लूट ली। हालांकि पीड़िता के यह सारे आरोप अदालत में साबित नहीं हो सके जिस कारण अदालत ने उसे बरी कर दिया।