डिजिटल डेस्क। कोलकाता : अब महाराष्ट्र के बाद बंगाल में भी भाषा का मुद्दा गरमा गया है। कोलकाता नगर निगम (KMC) ने शहर के सभी दुकानों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और होर्डिंग्स के लिए एक नया आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार सभी साइनबोर्ड पर सबसे ऊपर बांग्ला भाषा का उपयोग करना अनिवार्य होगा। इस आदेश को 30 सितंबर, 2025 तक लागू करना होगा, वरना कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस द्वारा संचालित केएमसी के इस फैसले के बाद, शहर के कई दुकानदारों ने अपने साइनबोर्ड बदलना शुरू कर दिया है। राज्य सरकार का कहना है कि यह कदम भाजपा शासित राज्यों में कथित तौर पर बंगाली प्रवासी मजदूरों को परेशान किए जाने के विरोध में और बांग्ला भाषा की पहचान और गौरव को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम के निर्देश पर जारी इस सर्कुलर में साफ कहा गया है कि किसी भी साइनबोर्ड पर बांग्ला भाषा को अन्य भाषाओं के साथ नहीं, बल्कि सबसे ऊपर लिखना अनिवार्य है। निगम प्रशासन के अनुसार, इसका उद्देश्य सभी व्यावसायिक और संस्थागत स्थानों पर बांग्ला भाषा के महत्व को बनाए रखना है। मेयर हकीम ने कहा, ‘बांग्ला हमारी अस्मिता और गौरव की पहचान है। दूसरी भाषाएं भी रहेंगी, लेकिन बांग्ला को उसका सम्मान मिलना चाहिए।’ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हिंदी या अंग्रेजी जैसी दूसरी भाषाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन बांग्ला को शीर्ष पर रखना जरूरी है।