
धनबाद: एनटीपीसी ने बीसीसीएल के द्वारा भेजे गए कोयले की गुणवत्ता को लेकर कंपनी से शिकायत की है। कोयले पर सवाल उठाते हुए नेशनल थर्मल पावर प्लांट कारपोरेशन ने कहा है कि बीसीसीएल के कोयले में काफ़ी मात्रा में पत्थर मिलाए जा रहे हैं । इससे कोयले की गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
आश्चर्य कि बात तो यह है कि बीसीसीएल से पावर प्लांट को भेजे जाने वाले कोयले की गुणवत्ता की परख भी होती है, इसके बाद भी घटिया क्वालिटी का कोयला कैसे डिस्पैच हो गया, यह गंभीर प्रश्न है। फिलहाल इसकी जांच के दायरे में कई अधिकारी आ रहे हैं। पूरा प्रकरण उर्जा मंत्रालय तक पहुंचा है।
बता दें कि एनटीपीसी के बाढ़ व ऊंचाहर पावर प्लांट को बीसीसीएल से 24 से 30 दिसबंर के बीच जो कोयला भेजा गया था, उसमें पत्थर मिले होने की शिकायत की गई है। कोयले को ठीक से चूर भी नहीं किया गया था। विभागीय सूत्र बताते हैं कि एनटीपीसी के कार्यकारी निदेशक प्रदीप्त कुमार मिश्रा ने 16 जनवरी को इस संदर्भ में बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता से भी आपत्ति जताई है। इधर इस मामले में एनटीपीसी के जीएम के नेतृत्व में आई एक टीम ने आठ से दस जनवरी को धनबाद पहुंचकर बीसीसीएल की कोयला गुणवत्ता व उसे चूर करने की प्रक्रिया की भी जांच की थी। टीम ने जांच रिपोर्ट दे दी है। उसमें खामियां मिलने के बाद एनटीपीसी ने सीएमडी से सीधे शिकायत की है।
वहीं,बीसीसीएल के एक अधिकारी ने बताया कि बीसीसीएल के लोदना एरिया की दो साइडिंग से सात रैक कोयला भेजा गया था। इसमें छह रैक कोयला बाढ़ पावर प्लांट व एक ऊंचाहर पावर प्लांट को गया था। 24 से 30 दिसंबर के बीच बीसीसीएल से 2.5 लाख टन कोयले का डिस्पैच एनटीपीसी के इन प्लांट हो हुआ था। इस प्रकरण में सेल्स मैनेजर, साइडिंग इंचार्ज, लोडिंग क्लर्क, कोल क्रशिंग इंचार्ज समेत एक दर्जन अधिकारियों की भूमिका जांच के घेरे में है। बीसीसीएल सीएमडी ने पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है।
इधर,बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता ने कहा कि बीसीसीएल कोयले की गुणवत्ता के प्रति हमेशा गंभीर है। है। हम भी कोयले की गुणवत्ता परखते हैं। ऐसे में कोयले में मिलावट की शिकायत के प्रकरण की जांच करा रहे हैं। जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।