बीसीसीएल में अनुसूचित जनजाति कर्मियों के मुआवजा, नियुक्ति और पुनर्वास की होगी समीक्षा : आशा लकड़ा

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धनबाद : राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा ने बुधवार को धनबाद में बीसीसीएल (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड) के अधिकारियों के साथ अहम बैठक की। बैठक में अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों की समस्याओं, मुआवजा, अनुकंपा आधारित नौकरी, पुनर्वास और नियुक्तियों में आरक्षण के अनुपालन पर विशेष चर्चा हुई।

डॉ. लकड़ा ने बीसीसीएल प्रबंधन को स्पष्ट निर्देश दिया कि कंपनी में कार्यरत अनुसूचित जनजाति कर्मियों से संबंधित सभी आंकड़े जैसे मुआवजा, अनुकंपा पर नौकरी, पुनर्वास की स्थिति, विभिन्न विभागों में रिक्त पदों की संख्या और रोस्टर के आधार पर नियुक्ति की जानकारी जल्द से जल्द आयोग को उपलब्ध कराई जाए।

उन्होंने कहा कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को यह रिपोर्ट भी देनी होगी कि वर्ष 1972 से अब तक ग्रुप A और B के तहत अनुसूचित जनजातियों को कितने आवास आवंटित किए गए हैं और संविदा पर कितनी नियुक्तियां की गई हैं। साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि इन नियुक्तियों में आरक्षण रोस्टर का कितना अनुपालन हुआ है।

बैठक में यह भी सामने आया कि कई नियुक्तियों में जन्मतिथि को लेकर गड़बड़ियां हैं। इसे शीघ्र सुधारने का निर्देश दिया गया। डॉ. लकड़ा ने कहा कि माइनिंग क्षेत्र में कार्यरत कर्मियों की संख्या, उनमें स्थानीय लोगों की भागीदारी, पेंशन, पीएफ, ग्रेच्युटी और अन्य सेवानिवृत्त लाभों की जानकारी भी आयोग को दी जाए।

एनसीएसटी सदस्य ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि माइनिंग क्षेत्र से बाहर पढ़ने जाने वाले बच्चों के लिए सीएसआर फंड के तहत स्किल डेवलपमेंट की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इसके अलावा एकारकुंड क्षेत्र के तीन गांवों में हाइड्रेड के माध्यम से पीने का पानी और बंद खदानों के जल को ट्रीटमेंट कर ग्रामीणों को पेयजल मुहैया कराने के निर्देश दिए गए।

बैठक में वर्षों से अनुकंपा के आधार पर नौकरी की मांग कर रही मुनिया देवी का मामला भी उठा। डॉ. लकड़ा ने बीसीसीएल प्रबंधन को निर्देश दिया कि मुनिया देवी को शीघ्र अनुकंपा पर नियुक्त किया जाए।

डॉ. लकड़ा ने माइनिंग क्षेत्रों में विशेष रूप से सिकल सेल व एनीमिया की जांच हेतु स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने तोपचांची क्षेत्र के 50 बिरहोर परिवारों के बच्चों के लिए विशेष कक्षाएं आयोजित करने को कहा, जहां हिंदी, अंग्रेजी और गणित की शिक्षा दी जा सके।

उन्होंने निर्देश दिया कि महिलाओं के लिए शौचालयों का निर्माण और सैनिटरी पैड डिस्पोजल मशीन की सुविधा सुनिश्चित की जाए। प्लस-2 स्कूलों में छात्राओं के लिए माहवारी के दौरान स्वच्छता और स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी देने वाले कार्यक्रम और शिविर आयोजित किए जाएं।

बैठक में एक मामला सामने आया जिसमें माइनिंग सरदार की ट्रेनिंग पूरी करने के बावजूद व्यक्ति को नौकरी नहीं दी गई थी। डॉ. लकड़ा ने बीसीसीएल को निर्देशित किया कि 1972 में जमीन अधिग्रहण से संबंधित विवाद के बावजूद संबंधित व्यक्ति की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जाए।

इस समीक्षा बैठक में बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता, निदेशक (एचआर) मुरली कृष्ण रमैया, निदेशक तकनीकी (पीएंडपी) मनोज कुमार अग्रवाल और निदेशक (वित्त) राकेश कुमार सहाय सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

डॉ. आशा लकड़ा ने अंत में स्पष्ट कहा कि अनुसूचित जनजाति समाज के अधिकारों की रक्षा और उनके कल्याण में किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।

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