डिजिटल डेस्क। कोलकाता : निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) की घोषणा किए जाने से कुछ घंटे पहले ममता सरकार ने 67 आइएएस और 145 डब्ल्यूबीसीएस (कार्यकारी) अधिकारियों समेत 200 से अधिक नौकरशाहों का बड़े पैमाने पर तबादला कर दिया। इस फेरबदल में 10 जिलाधिकारियों (डीएम) समेत विशेष सचिव और उप-मंडल अधिकारी स्तर के कई अधिकारी शामिल हैं।
प्रदेश भाजपा ने इतने बड़े पैमाने पर हुए तबादलों पर सवाल उठाते हुए इसे आगामी एसआइआर प्रक्रिया को विफल करने का प्रयास बताया और चुनाव आयोग से शिकायत कर इन पर रोक लगाने की मांग की है।
वही सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इन तबादलों को नियमित प्रशासनिक कार्य बताया है। तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने बाद में एसआइआर को ‘वास्तविक मतदाताओं को सूची से बाहर करने’ की कवायद बताते हुए भाजपा और चुनाव आयोग पर निशाना साधा और चेतावनी दी कि अगर एक भी पात्र मतदाता का नाम हटाया गया, तो एक लाख लोग दिल्ली में निर्वाचन आयोग कार्यालय के बाहर धरना देंगे।
तबादला किए गए जिलाधिकारियों में उत्तर और दक्षिण 24 परगना, कूचबिहार, मुर्शिदाबाद, पुरुलिया, दार्जिलिंग, मालदा, बीरभूम, झाड़ग्राम और पूर्व मेदिनीपुर जिले के डीएम शामिल हैं।

