डिजिटल डेस्क।जमशेदपुर: शहर की ट्रैफिक व्यवस्था और नागरिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति ने शुक्रवार को आवारा पशुओं को पकड़ने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजने के लिए एक विशेष और व्यापक अभियान चलाया।
संयुक्त अभियान: कौन-कौन रहे शामिल?
यह अभियान JNAC के नेतृत्व में नगर निकाय की टीम, पशुपालन विभाग और स्थानीय पुलिस बल के सहयोग से चलाया गया।
इन मुख्य क्षेत्रों पर फोकस
अभियान की कार्रवाई सुबह 7 बजे से ही शहर के मुख्य मार्गों जैसे साकची, बिष्टुपुर, मानगो, कदमा और सोनारी में तेज़ी से चल रही है।
क्यों ज़रूरी था यह कदम?
JNAC की टीम ने बताया कि सड़कों पर आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या न केवल यातायात व्यवस्था को प्रभावित कर रही थी, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं की आशंका को भी लगातार बढ़ा रही थी। नागरिक भी जाम और दुर्घटनाओं की शिकायत कर रहे थे, जिसके बाद प्रशासन ने यह ज़रूरी कदम उठाया।
कैसे पकड़े जा रहे हैं पशु?
टीमों ने ट्रकों और नेट कैचर (जाल) की मदद से सड़कों पर घूम रहे गायों और बैलों को पकड़ने का काम शुरू किया। पशुओं को पकड़ने के लिए प्रशिक्षित कर्मचारियों को तैनात किया गया है, ताकि किसी भी पशु को चोट न पहुंचे। सुरक्षा और पशु कल्याण दोनों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
कहां भेजे जा रहे हैं पकड़े गए पशु?
पकड़े गए मवेशियों को पहले अस्थायी शेल्टर में रखा जा रहा है। यहां उनकी जांच और देखभाल की पूरी व्यवस्था की गई है। इसके बाद, इन पशुओं को शहर के बाहर स्थित गौशाला में शिफ्ट किया जाएगा।
पशु मालिकों को चेतावनी
JNAC अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि शहर को आवारा पशुओं से मुक्त करने का यह अभियान अब जारी रहेगा। उन्होंने पशु मालिकों को कड़ी चेतावनी दी है कि सड़कों पर पशुओं को छोड़ने पर अब चालान और जुर्माना लगाया जाएगा।प्रशासन को उम्मीद है कि शाम तक चलने वाले इस विशेष अभियान से शहर की यातायात व्यवस्था में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।

