केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा झटका: 8वें वेतन आयोग की संभावनाओं को सरकार ने किया खारिज

KK Sagar
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नई दिल्ली: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए निराशाजनक खबर है। केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग को लागू करने की संभावनाओं को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है। सरकार ने संकेत दिया है कि अब कर्मचारियों की वेतन और पेंशन बढ़ोतरी के लिए एक नया तरीका अपनाया जाएगा, जिससे उन्हें वेतन आयोग का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। हालांकि, इस नए सिस्टम के बारे में विस्तृत जानकारी अभी तक साझा नहीं की गई है।

8वें वेतन आयोग की जगह नया सिस्टम

सूत्रों के अनुसार, सरकार पुराने वेतन आयोग की परंपरा को समाप्त करते हुए ऐसा तरीका लागू करने पर काम कर रही है, जिससे समय-समय पर कर्मचारियों और पेंशनर्स का वेतन स्वतः संशोधित होता रहे। वर्तमान में लागू 7वां वेतन आयोग 2016 में शुरू हुआ था और इसका कार्यकाल दिसंबर 2025 में समाप्त होगा। ऐसे में कर्मचारियों को उम्मीद थी कि 8वें वेतन आयोग से उनके वेतन में अच्छी बढ़ोतरी होगी, लेकिन सरकार के हालिया बयान ने इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

कर्मचारी संगठनों की नाराजगी बढ़ी

सरकार के इस फैसले से कर्मचारियों में असमंजस और नाराजगी बढ़ रही है। अखिल भारतीय राज्य सरकार कर्मचारी महासंघ और अन्य बड़े संगठन इस निर्णय के खिलाफ आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। महासंघ ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती, तो वे अगले साल देशव्यापी आंदोलन करेंगे।

क्या कहता है सरकार का रुख?

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने हाल ही में संसद में साफ किया कि फिलहाल 8वां वेतन आयोग बनाने की कोई योजना नहीं है। उनका कहना है कि सरकार एक ऐसे सिस्टम पर काम कर रही है जिससे वेतन और पेंशन में नियमित संशोधन हो सके। सरकार का मानना है कि इससे कर्मचारियों को वेतन आयोग के लंबे इंतजार की आवश्यकता नहीं रहेगी।

एनसी जेजीएम का विरोध जारी

केंद्रीय कर्मचारी संघ एनसी जेजीएम ने सरकार से 8वां वेतन आयोग लागू करने की मांग की है। इस संगठन ने केंद्रीय कैबिनेट सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हुए नौ साल हो चुके हैं, और अब कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी बेहद जरूरी है।

आगे की राह क्या होगी?

सरकार और कर्मचारियों के बीच इस मुद्दे पर बढ़ती खींचतान से स्थिति और जटिल हो सकती है। जहां एक ओर सरकार अपने नए सिस्टम को कारगर बताने की कोशिश कर रही है, वहीं कर्मचारी संगठनों का कहना है कि उनकी मांगें न मानी गईं तो बड़ा आंदोलन होगा।

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