डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की दिशा में केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए देश में 85 नए केंद्रीय विद्यालय और 28 नए नवोदय विद्यालय खोलने की घोषणा की है। इनमें से सबसे अधिक 13 केंद्रीय विद्यालय जम्मू-कश्मीर में और आठ नवोदय विद्यालय अरुणाचल प्रदेश में खोले जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। अगले आठ वर्षों में इन स्कूलों पर 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च किया जाएगा। ये सभी विद्यालय प्रधानमंत्री-श्री स्कूल के रूप में कार्य करेंगे।
82 हजार छात्रों को मिलेगा शिक्षा का अवसर
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 85 नए केंद्रीय विद्यालय देश के 19 राज्यों में खोले जाएंगे। इनमें दिल्ली के खजूरी खास में भी एक केंद्रीय विद्यालय शामिल है। इन विद्यालयों के खुलने से 82 हजार से अधिक छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर मिलेगा।
इसके अलावा, इन स्कूलों में शिक्षक और अन्य पदों पर पांच हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस फैसले को 21वीं सदी के लिए वैश्विक नागरिक तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
नवोदय विद्यालयों से 15 हजार छात्रों को मिलेगा लाभ
28 नए नवोदय विद्यालयों के खुलने से 15 हजार से अधिक छात्रों को प्रवेश का अवसर मिलेगा। साथ ही, 1,300 से अधिक लोगों को शिक्षक सहित अन्य पदों पर रोजगार मिलेगा। केंद्रीय विद्यालय खोलने पर 5,872 करोड़ रुपये और नवोदय विद्यालयों पर 2,360 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
मौजूदा समय में देश में 1,256 केंद्रीय विद्यालय हैं, जिनमें तीन विदेशों – मॉस्को, काठमांडू और तेहरान में स्थित हैं। इसके अलावा, कर्नाटक के शिमोगा जिले में एक केंद्रीय विद्यालय को अपग्रेड करने का भी निर्णय लिया गया है।
राज्यवार नए केंद्रीय विद्यालय
- जम्मू-कश्मीर: 13
- मध्य प्रदेश: 11
- राजस्थान: 9
- ओडिशा: 8
- आंध्र प्रदेश: 8
- उत्तर प्रदेश: 5
- उत्तराखंड: 4
- छत्तीसगढ़: 4
- हिमाचल प्रदेश: 4
- कर्नाटक: 3 (1 अपग्रेड)
- गुजरात: 3
- महाराष्ट्र: 3
- झारखंड: 2
- तमिलनाडु: 2
- त्रिपुरा: 2
- दिल्ली: 1
- अरुणाचल प्रदेश: 1
- असम: 1
- केरल: 1
राज्यवार नए नवोदय विद्यालय
- अरुणाचल प्रदेश: 8
- तेलंगाना: 7
- असम: 6
- मणिपुर: 3
- पश्चिम बंगाल: 2
- कर्नाटक: 1
- महाराष्ट्र: 1
केंद्र सरकार का यह कदम देश में शिक्षा के क्षेत्र को मजबूत करने और हर क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने के दृष्टिकोण से काफी अहम है।
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