धनबाद (झरिया) – झरिया के अग्निप्रभावित क्षेत्रों में एक बार फिर जमीन धंसने की घटना ने लोगों को दहला दिया है। शनिवार को फुलरीबांग इलाके में एक पुरानी 407 वाहन अचानक जमीन में समा गई, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। घटना एक दुकान के पीछे घटी, जहां वाहन खड़ा था। इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों में जबरदस्त डर और गुस्सा है।

गौरतलब है कि इसी स्थान पर वर्ष 2017 में भू-धंसान के कारण बाप-बेटे की मौत हो गई थी। इसके बावजूद न तो बीसीसीएल (B.C.C.L) और न ही जिला प्रशासन ने इस समस्या का स्थायी समाधान निकाला।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आक्रोशित लोगों को समझाने में जुट गई। स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया कि वे हमेशा जान के खतरे के बीच जीवन यापन कर रहे हैं। भूगर्भीय आग, गैस रिसाव और भू-धंसान की घटनाएं आम हो चुकी हैं, लेकिन जिम्मेदार एजेंसियां और प्रशासन सिर्फ कागजी खानापूर्ति में लगे रहते हैं।
लोगों ने सुरक्षित पुनर्वास की मांग की है। उनका कहना है कि जब तक कोई बड़ा हादसा नहीं हो जाता, तब तक सरकार और बीसीसीएल हरकत में नहीं आते।
बता दें कि राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने हाल ही में झरिया के अग्निप्रभावित इलाकों का दौरा किया था, लेकिन दौरे के कुछ ही घंटे बाद यह बड़ी घटना सामने आ गई। भले ही इस हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ हो, लेकिन यह लगातार बढ़ते खतरे की गंभीर चेतावनी है।