मिरर मीडिया : झारखंड में ‘श्री सम्मेद शिखर’ तीर्थ स्थल को लेकर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला सामने आया है। बता दें कि केंद्र ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। उन्होंने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर अब श्री सम्मेद शिखर तीर्थ स्थल ही रहेगा… उसमें कोई बदलाव नहीं होगा। खबर के अनुसार तीर्थ क्षेत्र में कोई निर्माण कार्य नहीं होगा और स्थल की पवित्रता बनाए रखने के लिए वहां होटल, ट्रैकिंग और नॉन वेज पर भी रोक रहेगी।
इस लेकर एक बोर्ड का गठन किया जाएगा, जिसमें दो लोग जैन समाज, स्थानीय प्रतिनिधि और सरकार के प्रतिनिधि होंगे। जो भी निर्णय करना होगा बोर्ड करेगा। बता दें कि वह स्थान तीर्थ स्थल ही बना रहेगा, पर्यटन स्थल का दर्जा वापस ले लिया गया है।
मध्य प्रदेश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री ओ. पी. सकलेचा ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के मन में साफ है कि किसी भी स्थान की पवित्रता के साथ खिलवाड़ नहीं होगा। यह भी सोचना होगा 2019 के नोटिफिकेशन की बात 2023 में क्यों आ रही है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने जो किया सो किया, लेकिन उसका राजनीतिकरण करने का प्रयास किया गया।
गौरतलब है कि झारखंड के गिरिडीह जिले के मधुबन स्थित पारसनाथ पर्वत शिखर जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों की तपस्थली है। झारखंड में स्थित जैन धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थल ‘श्री सम्मेद शिखर’ को अतिक्रमण मुक्त कराने और उसे शाकाहारी क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर देश के कई शहरों में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं।