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झारखंड में अपराधियों का हौसला ऐसे बुलंद हो चूका है कि अब प्रशासनिक अधिकारीयों को भी अपना निशाना बना रहें हैं। बता दें कि शुक्रवार की देर रात एक दारोगा की गोली मारकर हत्या कर दी है। उनका शव कांके थाना क्षेत्र के रिंग रोड से बरामद किया गया है। जानकारी के मुताबिक वह स्पेशल ब्रांच में सब-इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत थे. उनकी पहचान अनुपम कच्छप के रूप में हुई है।
रिंग रोड से बरामद किया गया शव : लोगों ने दी पुलिस को सूचना
घटना को लेकर बताया जा रहा है कि उनका शव रिंग रोड से बरामद किया गया। आसपास के लोग जब सुबह घर से बाहर निकले तो शव को देखने के बाद इसकी सूचना पुलिस को दी। घटना के बाद पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। फिलहाल वह मामले की छानबीन कर रही है। फिलहाल खबर लिखे जाने तक हत्या की कोई स्पष्ट वजह नहीं मिल सकी है।
3 अगस्त को झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता अपराध पर काबू पाने के लिए करने वाले है बैठक
गौरतलब है कि शनिवार 3 अगस्त को झारखंड के नये डीजीपी अनुराग गुप्ता शनिवार को जिले के तमाम बड़े पदाधिकारियों के साथ एसएसपी कार्यालय में बैठक करने से पहले इस बड़ी घटना को अंजाम दिया गया है।
ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े हो रहें हैं। हालांकि DGP द्वारा की जाने वाली बैठक का मुख्य उद्देश्य राजधानी में बढ़ती अपराध पर काबू पाना है।
बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार के विधि व्यवस्था पर उठाए सवाल
इधर घटना के बाद BJP प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखंड की हेमंत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि झारखंड में अब गुंडों और अपराधियों को छोड़कर कोई भी सुरक्षित नहीं है, यहां तक की जनता को सुरक्षा देने वाली पुलिस भी सुरक्षित नहीं है। उन्होंने एक्स पर लिखा है कि
हेमंत सरकार में गुंडों और अपराधियों को छोड़कर कोई भी सुरक्षित नहीं है, यहां तक की जनता को सुरक्षा देने वाली पुलिस भी सुरक्षित नहीं है। प्राप्त खबर के अनुसार स्पेशल ब्रांच में तैनात सब इंस्पेक्टर अनुपम कच्छप की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। प्रदेश की राजधानी में आए दिन हो रही ऐसी घटना से राजधानी समेत पूरे प्रदेश में डर का माहौल है।
कल थाने से पॉंच सौ मीटर की दूरी पर वकील की हत्या, आज युवा आदिवासी पुलिस इंस्पेक्टर की गोली मार कर हत्या कर दी गई है,जो अत्यंत दुखद है। हर रोज ऐसी अनेकों घटनाएं हो रही हैं, चूंकि सरकार संवेदनशील है, इसलिए चुपचाप बस तमाशा देख रही है। हेमंत सरकार ने राजधानी रॉंची तक को अयोग्य अफ़सरों के हवाले कर बारूद के ढेर पर बैठा दिया। जिस सरकार में वकीलों, पुलिस वालों तक की सरेआम हत्या हो रही है उस सरकार में आमलोगों के सुरक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है?
हेमंत सरकार में अपराधियों की हिम्मत जिस तरह से बढ़ी है कि ऐसा लगता है सरकार को हेमंत सोरेन जी नहीं, बल्कि अपराधी और गुंडे ही संचालित कर रहे हैं।