सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश: अब हाईवे और एक्सप्रेसवे पर नहीं दिखेंगे आवारा पशु, राज्यों को सख्त निर्देश

KK Sagar
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नई दिल्ली: देशभर में सड़कों पर बढ़ते सड़क हादसों और सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा आदेश जारी किया है। अदालत ने हाईवे और एक्सप्रेसवे पर आवारा पशुओं के प्रवेश पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को चेतावनी दी है कि अगर आदेशों का पालन नहीं किया गया तो मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

⚖️ सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

मुख्य न्यायाधीश विक्रमा नाथ, संदीप मेहता और एन. वी. अंजारिया की पीठ ने कहा कि देश के कई हिस्सों में आवारा मवेशियों और कुत्तों के कारण लगातार सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। यह नागरिकों की सुरक्षा और जनहित से जुड़ा गंभीर मुद्दा है। अदालत ने केंद्र और सभी राज्यों को निर्देश दिया कि वे इस पर तुरंत ठोस कदम उठाएं।

🚫 हाईवे-एक्सप्रेसवे पर “नो एंट्री” आदेश

अदालत ने कहा कि किसी भी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश में हाईवे या एक्सप्रेसवे पर आवारा पशु नहीं दिखने चाहिए। सभी जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वे ऐसे पशुओं को तुरंत हटाएं और उन्हें सुरक्षित आश्रय स्थलों (shelters) में भेजें।

🏥 सार्वजनिक स्थलों पर भी नियंत्रण के निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ सड़कों ही नहीं, बल्कि जिला अस्पतालों, रेलवे स्टेशनों, खेल परिसरों और अन्य सरकारी परिसरों में भी आवारा कुत्तों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए कहा है। अदालत ने स्पष्ट किया कि इन क्षेत्रों में नसबंदी अभियान और पुनर्वास कार्य आठ सप्ताह के भीतर पूरे किए जाएं।

📅 तय की समयसीमा

सभी राज्य सरकारों को 8 सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश करनी होगी।

दो सप्ताह के अंदर संवेदनशील इलाकों की पहचान और आवश्यक बाड़बंदी (fencing) का कार्य पूरा किया जाना है।

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