पाकिस्तान में बड़ा आतंकी हमला: बलूच अलगाववादियों ने ट्रेन को किया हाईजैक, सैंकड़ों यात्री बंधक

Anupam Kumar
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डिजिटल डेस्क। मिरर मीडिया:पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में मंगलवार को एक बड़े आतंकी हमले में बलूच अलगाववादी आतंकियों ने एक यात्री ट्रेन पर हमला कर दिया। हमले में ट्रेन चालक गंभीर रूप से घायल हो गया है, जबकि आतंकियों ने ट्रेन को हाईजैक कर लिया है। इस घटना ने पाकिस्तान में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

450 यात्रियों वाली जाफर एक्सप्रेस पर हमला

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, हमला उस समय हुआ जब जाफर एक्सप्रेस ट्रेन क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी। आतंकियों ने अचानक ट्रेन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं, जिससे ट्रेन चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। पाकिस्तानी अखबार के मुताबिक, हमलावर भारी हथियारों से लैस थे और उन्होंने ट्रेन को जबरन रोक लिया।

बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली हमले की जिम्मेदारी

हमले के बाद अलगाववादी संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने इसकी जिम्मेदारी ली है। संगठन ने दावा किया कि उन्होंने ट्रेन से 100 से अधिक यात्रियों को बंधक बना लिया है और सुरक्षा बलों पर भी हमला किया है। बीएलए ने बयान जारी कर कहा कि उन्होंने मशकफ, धादर और बोलन में एक रणनीतिक ऑपरेशन चलाया, जिसके तहत जाफर एक्सप्रेस को पटरी से उतारकर उस पर कब्जा कर लिया गया।

सुरंग के पास ट्रेन को बनाया निशाना

रेलवे नियंत्रक मुहम्मद काशिफ के अनुसार, ट्रेन को सुरंग संख्या 8 के पास रोककर हमला किया गया। ट्रेन में करीब 450 से अधिक यात्री सवार थे। अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बल यात्रियों और कर्मचारियों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पहाड़ी इलाका होने की वजह से ऑपरेशन में मुश्किलें आ रही हैं।

सरकार ने आपातकाल घोषित किया, सेना तैनात

पाकिस्तान सरकार ने इस हमले के बाद सिबी अस्पताल में आपातकाल घोषित कर दिया है। घायलों के इलाज के लिए अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं। वहीं, सेना और सुरक्षा बलों को घटनास्थल पर भेज दिया गया है। सेना ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

बलूचिस्तान में लगातार बढ़ रहे आतंकी हमले

बलूचिस्तान पाकिस्तान का एक संसाधन संपन्न इलाका है, लेकिन यहां लंबे समय से अलगाववादियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष जारी है। बलूच लिबरेशन आर्मी जैसे संगठन पाकिस्तान सरकार से स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं और अक्सर सुरक्षाबलों व सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते रहते हैं।

इस घटना से पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। सरकार और सेना किस तरह से इस संकट को हल करती है, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

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