बिहार सरकार ने शिक्षकों की समस्या को गंभीरता से लिया है। विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर शिक्षा विभाग सक्रिय है। राज्य में शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। जिला स्तर पर स्थानांतरण संबंधी मामलों पर विचार के लिए जिला स्थापना समिति का गठन कर दिया गया है। इस संबंध में विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है।

ये अधिकारी लेंगे फैसले
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) एस. सिद्धार्थ ने इसके लिए आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक, अब हर जिले में 8 सदस्यीय कमेटी बनाई जाएगी, जो शिक्षकों के स्थानांतरण से जुड़े मामलों को देखेगी। इस कमेटी के अध्यक्ष जिलाधिकारी (डीएम) होंगे। उनके साथ डीडीसी (उप विकास आयुक्त), अपर जिला दंडाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ), डीपीओ स्थापना और अन्य अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल रहेंगे। कुल 8 सदस्यों की यह टीम जिले के भीतर होने वाले सभी स्थानांतरण की जिम्मेदारी संभालेगी।
स्थानांतरण समेत यह काम करेगी समिति
जिला स्थापना समिति शिक्षकों का जिला के अंदर स्थानांतरण, अंतर जिला स्थानांतरण के लिए अनुशंसा, स्थानांतरण संबंधी शिकायतों के निष्पादन करेगी। साथ ही जिला के अंदर रिक्त पदों की सीमा तक शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति के लिए भी जिला स्थापना समिति को अधिकार दिया गया है। शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव की तरफ से यह पत्र जारी किया गया है।
म्युचुअल ट्रांसफर का पोर्टल खोला गया
इधर, शिक्षकों के लिए शिक्षा विभाग ने म्युचुअल ट्रांसफर का पोर्टल आज 6 अगस्त को दोपहर 3 बजे से खोल दिया गया है। यह पोर्टल 10 सितंबर तक खुला रहेगा, जिसके माध्यम से शिक्षक आपसी सहमति से अपने ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे। वह लोग जो पारिवारिक स्थितियों की की वजह से परिवार के साथ रखना चाहते थे, उनकी समस्या का समाधान होने जा रहा है। यह पोर्टल विशेष तौर पर उन शिक्षकों के लिए खोला जा रहा है, जो ट्रांसफर प्रक्रिया में वंचित रह गए थे या जिनका स्थानांतरण ऐसे क्षेत्रों में हो गया था, जहां से उन्हें पारिवारिक रूप से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। अब वह शिक्षक आपसी सहमति से अपने मनचाहे जिले में स्थानांतरण के लिए फिर से आवेदन कर सकते हैं।