बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल के साथ-साथ प्रशासनिक तैयारियां भी ज़ोरों पर हैं। भले ही अभी तक चुनाव की तारीखों की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि इस बार चुनाव की तिथियां दुर्गा पूजा, दीपावली और छठ पूजा जैसे प्रमुख त्योहारों को ध्यान में रखते हुए तय की जाएंगी।
विधानसभा कार्यकाल और संभावित चुनाव कार्यक्रम
बिहार विधानसभा का मौजूदा कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। ऐसे में उससे पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी करना संवैधानिक रूप से अनिवार्य है। आयोग के अनुसार, 2 से 3 चरणों में चुनाव कराए जाने की संभावना है। गौरतलब है कि बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर 2020 में 3 चरणों, 2015 में 5 चरणों और 2010 में 6 चरणों में मतदान हुआ था।
त्योहारों और मौसम पर विशेष ध्यान
2025 में प्रमुख त्योहारों की तिथियां:
दुर्गा पूजा (दशहरा): 2 अक्टूबर
दीपावली: 20 अक्टूबर
छठ पूजा: 27 अक्टूबर
इन त्योहारों के मद्देनज़र आयोग इस बात का ध्यान रखेगा कि चुनाव की तारीखें ऐसे समय तय हों, जब मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा जुलाई से सितंबर के दौरान आने वाले मानसून और बाढ़ की स्थिति को भी ध्यान में रखकर चुनावी कार्यक्रम बनाया जाएगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त का दौरा और प्रशिक्षण शुरू
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार जून में बिहार का दौरा करेंगे। इस बीच कर्मचारियों को चुनावी प्रशिक्षण देने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इसके साथ ही फाइनल वोटर लिस्ट बनाने, नए मतदाताओं के नाम जोड़ने और राजनीतिक दलों को जागरूक करने की कवायद जारी है।
नई तकनीक और सुविधाएं
चुनाव आयोग ने एक नया इंटीग्रेटेड डैशबोर्ड ‘ECINET’ शुरू करने का निर्णय लिया है। यह प्लेटफॉर्म अब तक चल रहे 40 अलग-अलग ऐप की जगह एकीकृत सुविधा प्रदान करेगा। इससे डुप्लीकेट EPIC नंबर की शिकायतों में कमी आने की उम्मीद है।
मतदान केंद्रों में सुधार और सुविधा
अब एक बूथ पर अधिकतम 1200 वोटर ही होंगे (पहले 1500 तक थे)।
घनी आबादी वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त बूथ बनाए जाएंगे।
सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी मतदाता को 2 किलोमीटर से अधिक दूरी तय न करनी पड़े।
मृत वोटरों के नाम हटाने की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है।