चुनावी मौसम में बिहार की राजनीति पल-पल करवटे ले रही है। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों प्रमुख गठबंधनों के दलों में सीट बंटवारे का एलान बाकी है। हालांकि, इसके साइड इफेक्ट देखे जाने लगे हैं। बिहार सरकार के पूर्व मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने जदयू से इस्तीफा दे दिया है। वह राजद में शामिल हो गए हैं। उन्होंने खुद इस बात की पुष्टि की है।

मधुबनी जिले की लौकहा विधानसभा सीट से पिछली बार जनता दल यूनाईटेड के प्रत्याशी रहे बिहार की नीतीश कुमार सरकार के पूर्व मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने गुरुवार को राजद की सदस्यता ग्रहण कर ली। इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए वे जदयू पर जमकर बरसे। साथ ही पार्टी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा पर मनमानी का आरोप जड़ा।
पार्टी छोड़ते ही जेडीयू पर भड़के लक्ष्मेश्वर
पार्टी छोड़ते ही आरजेडी के साथ मिलकर लक्ष्मेशवर ने जेडीयू के खिलाफ हमला बोलना शुरू कर दिया। वे बोले जिस पार्टी के साथ मैंने इतने सालों तक काम किया है, अब वह अतिपिछड़ों की पार्टी नहीं रह गई है। अतिपिछड़े समाज के लोगों के अब वहां कोई सम्मान नहीं है। लक्ष्मेश्वर बोले कि जेडीयू में अब अतिपिछड़े वर्ग के लोगों की अनदेखी हो रही है। इसलिए मैंने यह कदम उठाया है।
संजय झा पर लगाया कब्जा करने का आरोप
लक्ष्मेश्वर राय ने संजय झा पर पार्टी को कब्जा करने का आरोप लगाया। लक्ष्मेश्वर राय ने आरोप लगाते हुए कहा कि वे पार्टी पर कब्जा कर चुके हैं और बिना उनकी अनुमति दरभंगा में कोई काम या ट्रांसफर नहीं होता। राय ने कहा कि संजय झा ने पार्टी को खत्म कर दिया है। उन्होंने तेजस्वी यादव को अपना समर्थन देते हुए कहा कि वे उनके हाथों को और मजबूत करेंगे।
2020 में करना पड़ा था हार का सामना
पूर्व मंत्री लक्ष्मेश्वर राय बिहार में मधुबनी जिले के लौकहा विधान सभा क्षेत्र के विधायक थे। उन्होंने 2015 में पहला विधान सभा चुनाव में जेडीयू के टिकट से चुनाव लड़ा था। लक्ष्मेश्वर ने बीजेपी प्रत्याशी प्रमोग प्रियदर्शी को हार का स्वाद चखाया था। मगर 2020 में भाजपा के पूर्व प्रत्याशी प्रमोद प्रियदर्शी की बगावत और लोजपा से चुनाव लड़ जाने के कारण जदयू के लक्ष्मेश्वर राय को राजद से हार का सामना करना पड़ा था।