मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज लागू करने का एलान किया है, जिसके तहत 40 करोड़ रूपए तक की ब्याज सब्सिडी, स्वीकृत परियोजना लागत का 300 प्रतिशत तक शुद्ध SGST की प्रतिपूर्ति और 30 प्रतिशत तक पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी, साथ ही मुफ्त में जमीन भी आवंटित की जाएगी, जिसका उद्देश्य राज्य में रोजगार को बढ़ावा देना है। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। इसके अलावा नीतीश कैबिनेट की बैठक विभिन्न विभागों से जुड़े कुल 26 प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई।

7047 सलाहकारों का मानदेय बढ़ा
अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कुल 26 एजेंडों पर मुहर लगा दी गई है। 7047 सलाहकारों का मानदेय बढ़ाया। बिहार सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए किसान सलाहकारों के मानदेय में बढ़ोतरी कर दिया है। राज्य स्कीम मद से किसान सलाहकार योजना अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2025-26 से किसान सलाहकारों के मानदेय को 13,000/- से बढाकर 21,000/- रुपये प्रतिमाह भुगतान किया जायेगा। इसके लिए अतिरिक्त कुल सड़सठ करोड़ सतासी लाख दस हजार सात सौ छत्तीस रूपये की निकासी एवं व्यय की स्वीकृति प्रदान की गयी है। मानदेय की बढ़ी हुई दर 1 अप्रैल 2025 के प्रभाव से लागू होगी।
औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 लागू
इसके अलावा आज की बैठक में उद्योगों को बढ़ावा देने और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने बियाडा एमनेस्टी पॉलिसी 2025 के बाद अब बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 (BIPPP-2025) लागू करने का फैसला लिया। इसके तहत 40 करोड़ रूपए तक की ब्याज सब्सिडी दी जाएगी। नई इकाइयों को स्वीकृत परियोजना लागत का 300 प्रतिशत तक शुद्ध SGST की प्रतिपूर्ति 14 वर्षों के लिए की जाएगी। 30 प्रतिशत तक पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी। निर्यात प्रोत्साहन की सीमा 14 वर्ष की अवधि के लए 40 लाख रूपए प्रतिवर्ष होगी। इसके अतिरिक्त कौशल विकास, पर्यावरण संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग, स्टाम्प ड्यूटी एवं भूमि रूपांतरण शुल्क की प्रतिपूर्ति, निजी औद्योगिक पार्कों को सहयोग, पेटेंट पंजीकरण एवं गुणवत्ता प्रमाणन हेतु सहायता दी जाएगी।