बिहार में बालू घाटों की नीलामी के लिए सरकार फिर से सक्रिय हो गई है। इसको लेकर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी जिलाधिकारियों एवं खान एवं भू-तत्व विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की। इस बैठक में उन्होंने निर्देश जारी किया है कि जिन जिलों में नदी बालू घाटों की नीलामी नहीं हो सकी है, उन सभी जिलों में कार्य योजना बनाकर लक्ष्य को पूरा किया जाए। जरूरत पड़ने पर बालू घाटों के लिए निर्धारित सिक्योरिटी मनी का नए सिरे से निर्धारण भी करें।

बालू घाटों की बनाई जा रही लिस्ट
मुख्य सचिव का आदेश जारी होने के बाद खान एवं भू-तत्व विभाग ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। जानकारी के अनुसार फिलहाल विभाग वैसे बालू घाटों को सूचीबद्ध कर रहा है, जो अधिक सिक्योरिटी मनी होने की वजह से नीलाम नहीं हो पाए। इसके बाद समेकित रूप से यह अध्ययन कराया जाएगा कि सिक्योरिटी मनी के अलावा वे कौन से कारण हैं, जिनकी वजह से बालू घाट बिना नीलामी के रह गए या फिर बालू घाट सरेंडर कर दिए गए।
इन जिलों में नहीं हुई नीलामी
विभाग के सूत्रों ने बताया कि मुख्य सचिव के स्तर में हुई बैठक में यह बात सामने आई कि पटना, वैशाली, औरंगाबाद, बक्सर, सारण, अरवल, गया, जहानाबाद, मोतिहारी, पूर्णिया और समस्तीपुर में सर्वाधिक घाट बिना नीलामी रह गए हैं। इन जिलों में ऐसे घाटों की संख्या सर्वाधिक है। वहीं, भोजपुर, पटना, गया, रोहतास, लखीसराय और नवादा में ऐसे घाटों की संख्या ज्यादा है, जिन्हें सरेंडर किया गया है। जिला स्तर पर कारणों की पड़ताल के बाद नए सिरे से बालू घाटों की बोली लगाई जाएगी और नए सिरे से इनका बंदोबस्त किया जाएगा। आवश्यकता पडऩे पर सिक्योरिटी मनी में भी संशोधन संभावित है।