बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती का युवा लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। युवाओं का ये इंतजार खत्म होने वाला है। शिक्षक भर्ती की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी के लिए सरकार की तरफ से बड़ी घोषणा की गई है। बिहार टीचर भर्ती 4 और शिक्षक पात्रता परीक्षा की डेट घोषित कर दी गई है।बिहार के शिक्षा विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई)-4 तारीखों का ऐलान कर दिया है। इससे अलावा उन्होंने स्टेट टीईटी (STET) की भी घोषणा की है।

बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने एक कार्यक्रम के दौरान आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुछ जिलों से रिक्तियों का विवरण अभी आना बाकी है, जिन्हें जोड़ने के बाद TRE-4 के लिए बीपीएससी को अंतिम अधियाचना भेजी जाएगी।
एसटीईटी के आवेदन और परीक्षा का समय
शिक्षा मंत्री ने बताया कि एसटीईटी 2025 के लिए ऑनलाइन आवेदन 8 सितंबर से शुरू होंगे और 16 सितंबर तक चलेंगे। परीक्षा का आयोजन 4 अक्टूबर से 25 अक्टूबर 2025 तक होगा और परिणाम 1 नवंबर 2025 को घोषित किए जाएंगे। बिहार माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) परीक्षा बिहार विद्यालय परीक्षा समिति आयोजित करेगी और इसके लिए शिक्षा विभाग और समिति पूरी तरह तैयार हैं।
एसटीईटी के परिणाम के बाद होगा टीआरई-4
शिक्षा मंत्री ने बताया कि एसटीईटी के परिणाम के बाद बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) टीआरई-4 के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेगा। टीआरई-4 की परीक्षा 16 दिसंबर से 19 दिसंबर 2025 तक आयोजित होगी और इसका परिणाम 20 जनवरी से 24 जनवरी 2026 तक घोषित किया जाएगा। इस तरह सरकार ने दोनों परीक्षाओं के लिए स्पष्ट समय-सीमा तय की है।
अंतर-जिला तबादला के लिए 5 सितंबर से आवेदन
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने ये भी बताया कि राज्य में शिक्षकों का अंतर-जिला तबादला किया जाएगा। इसके लिए शिक्षकों को तीन जिलों का विकल्प देने का अवसर मिलेगा। इस प्रक्रिया के लिए विभाग द्वारा विकसित पोर्टल पर 5 सितंबर से 13 सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकेंगे। मंत्री ने कहा कि आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद 14 से 16 सितंबर के बीच तबादले संपन्न कर दिए जाएंगे। इसके बाद 18 सितंबर तक जिला आवंटन कर दिया जाएगा। जिला आवंटन के बाद, जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति संबंधित स्कूलों का चयन करेगी। इसमें विशेष रूप से छात्र-शिक्षक अनुपात को ध्यान में रखा जाएगा, ताकि सभी स्कूलों में संतुलित व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।