बिहार में नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले महागठबंधन और एनडीए दोनों में सीट शेयरिंग को लेकर पेंच। एनडीए में चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेन्द्र कुशवाहा के बीच सीटों को लेकर लगातर बयानबाजी हो रही है। इधर महागठबंधन में भी मुकेश सहनी, सीपीआई माले और आईएनसी के बीच अधिक सीटें लेने के लिए भी दबाव बनाने की कोशिश जारी है। इस बीच विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन और मजबूत हुआ है। पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) भी अब महागठबंधन के घटक बन गए हैं।

महागठबंधन में सीट शेयरिंग और नए दलों के जुड़ने को लेकर हलचल बढ़ गई है। इसी बीच शनिवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आवास पर महागठबंधन की बड़ी बैठक हुई। बैठक में सीटों के बंटवारे पर चर्चा के साथ ही बड़ा फैसला लिया गया कि अब झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और पशुपति पारस की रालोजपा भी महागठबंधन का हिस्सा होंगे।
15 सितंबर को सीट शेयरिंग का ऐलान
कुनबे का आकार बढ़ने के बाद अब सीटों के बंटवारे पर भी सहमति बनानी होगी। रालोजपा और झामुमो भी अब महागठबंधन के घटक बन गए हैं। राजद के साथ कांग्रेस, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी), भाकपा, माकपा और भाकपा-माले पहले से ही महागठबंधन में थे। इन दोनों दलों लेकर अब महागठबंधन में कुल आठ दल हो गए हैं। ऐसे में में सीटों को बंटवारे को लेकर मथापच्ची बढ़ सकती है। सूत्रों के अनुसार, सीट बंटवारे का फॉर्मूला तैयार कर लिया गया है और आगामी 15 सितंबर को इसकी औपचारिक घोषणा होगी।
महागठबंधन में शामिल के लिए प्रयासरत थे पारस और सोरेन
पारस लगभग एक वर्ष से महागठबंधन में शामिल होने को लेकर प्रयासरत थे। जबकि झामुमो का उत्साह लगभग दो माह पहले से बढ़ा था। वोटर अधिकार यात्रा के दौरान झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लालू यादव से आशीर्वाद लिया था और जनता से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की अपील की थी। वहीं, कुछ दिन पहले पशुपति पारस ने भी तेजस्वी यादव से मुलाकात कर महागठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई थी।
सीट शेयरिंग पर सभी की निगाहें टिकी
बता दें कि बिहार में 243 विधानसभा सीटें हैं। अब इंडिया गठबंधन के 8 घटक दलों के बीच सीटों का बंटवारा होगा। पिछली बार राजद ने 144, कांग्रेस ने 70 और वाम दलों ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा था। उस समय वीआईपी गठबंधन का हिस्सा नहीं थी। इस बार वीआईपी 60 सीटों का दावा कर रही है, जबकि वाम दल 40 सीटों की मांग कर रहे हैं। नए दलों के शामिल होने से सीट शेयरिंग पर सभी की निगाहें टिकी हैं।