बिहार में महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री और मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया है। हालांकि इसके साथ ही एक नई बहस भी छिड़ गई है कि राज्य में किसी मुस्लिम चेहरे को आगे क्यों नहीं किया गया? इस घोषणा के साथ ही मुस्लिम समुदाय की तरफ से अपनी भागीदारी की मांग उठाई जा रही है। एआईएमआईएम से जुड़े नेताओं ने इसको लेकर बीते गुरुवार को एक्स पर पोस्ट भी किया था और महागठबंधन पर निशाना साधा था। इसी बीच, केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने महागठबंधन पर सवाल उठाए हैं।

चिराग पासवान ने मुस्लिमों को अपने पिता रामविलास पासवान के उस फैसले की याद दिलाई है जिसमें उन्होंने बिहार में मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने की मांग की थी। चिराग ने इस बात को लेकर भी दुख जताया कि इसके बावजूद बिहार के मुसलमानों ने उनकी पार्टी का साथ नहीं दिया।
मुसलमानों से खास अपील
चिराग पासवान सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है, 2005 में मेरे नेता मेरे पिता स्व. रामविलास पासवान जी ने मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाने के लिए अपनी पार्टी तक कुर्बान कर दी थी। तब भी आपने उनका साथ नहीं दिया। राजद 2005 में भी मुस्लिम मुख्यमंत्री के लिए तैयार नहीं था, आज 2025 में भी न मुस्लिम मुख्यमंत्री देने को तैयार है, न उपमुख्यमंत्री! अगर आप बंधुआ वोट बैंक बनकर रहेंगे, तो सम्मान और भागीदारी कैसे मिलेगी?
मुसलमानों की बात वह केवल वोट के समय-चिराग
इससे पहले पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए चिराग पासवान ने कहा था, इंडिया गठबंधन यादवों और सहनी समाज के नाम पर राजनीति कर रहा है, लेकिन मुसलमानों की बात वह केवल वोट के समय करता है। मुसलमानों की जनसंख्या बिहार में लगभग 18 फीसदी है, फिर भी इंडिया गठबंधन ने किसी मुस्लिम नेता को मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री या किसी प्रमुख पद का उम्मीदवार नहीं बनाया।
मुकेश सहनी के डिप्टी सीएम फेस पर बहस
यह बहस उस समय शुरू हुई, जब मुकेश सहनी को महागठबंधन की तरफ से उपमुख्यमंत्री का चेहरा बनाया गया। मुकेश सहनी ‘मल्लाह’ वर्ग से आते हैं, जिनकी पूरे बिहार में कुल आबादी लगभग 2.5 प्रतिशत मानी जाती है। वहीं, बिहार में इससे कहीं ज्यादा यानी करीब 17-18 फीसदी मुस्लिम आबादी बताई जाती है।

