बिहार की राजनीति में जाति का अहम स्थान है। बिहार में चुनावी हार-जीत का फैसला जातीय समीकरण पर आधारित होता है। जाति की राजनीति के लिए मशहूर बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने बड़ा बयान दिया है। चिराग ने कहा कि उनके लिए राजनीति का आधार जाति नहीं, बल्कि बिहारी पहचान है। यही नहीं चिराग पासवान ने ‘MY’ का नया मतलब भी बताया है।

चिराग पासवान ने पटना में संवाददाताओं से कहा, मैं 14 करोड़ बिहारियों की बात करूंगा। बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट की बात करूंगा। मेरा दल जातिगत समीकरणों से ऊपर उठकर महिलाओं और युवाओं को प्राथमिकता देने वाली राजनीति में विश्वास करता है।
तेजस्वी यादव पर चिराग का निशाना
चिराग पासवान ने कहा कि विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव लगातार जातिगत समीकरणों की बात करते हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी यादव के दिमाग में ईबीसी, ओबीसी, दलित और अन्य जातियां हो सकती हैं, लेकिन हमारे लिए बिहार की जनता सिर्फ बिहारी है। उन्होंने यह भी कहा कि जो नेता ‘MY’ (मुस्लिम-यादव) का तमगा गर्व से पहनते हैं, वे हमेशा जाति आधारित राजनीति करते रहेंगे।
आप भी जाने ‘MY’ का नया मतलब
केंद्रीय मंत्री पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी भी ‘MY’ समीकरण को मानती है, लेकिन उसका अर्थ है ‘महिला और युवा’। इसे उन्होंने पार्टी की नई सोच और नई पहचान बताया। उनके अनुसार, बिहार की राजनीति में अब समय आ गया है कि महिलाओं और युवाओं की ताकत को केंद्र में रखा जाए, क्योंकि यही वर्ग आने वाले बिहार को नई दिशा देगा।
चिराग ने बनाई जातिगत राजनीति से दूरी
चिराग पासवान ने ये स्पष्ट किया कि उनकी राजनीति का मकसद बिहार के हर नागरिक को समान रूप से राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल करना है। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याएं, विकास और युवाओं के लिए रोजगार उनके एजेंडे के प्रमुख बिंदु रहेंगे। चिराग का यह बयान बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एक बड़ा राजनीतिक संदेश माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने साफ कर दिया कि उनकी पार्टी जातिगत राजनीति से दूर रहकर नई दिशा में कदम बढ़ाएगी।