बिहार चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी और मजबूत हुई है। पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा, पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि कुशवाहा और पूर्व मंत्री सुचित्रा सिन्हा ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। पटना में प्रदेश नेतृत्व की मौजूदगी में तीनों ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इन तीनों को पार्टी की सदस्यता दिलाने के लिए दोनों डिप्टी सीएम (सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा) भी मौजूद रहे।

इस मौके पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि आज बहुत ही सुखद दिन है। बीजेपी एक राजनीतिक दल नहीं बल्कि एक विचारधारा है। यही वजह है कि जनसंघ के केवल दो लोकसभा सीट जीतने के बाद आज हम पूरी दुनिया में भारत को चौथी अर्थव्यवस्था बनाने में कामयाब हुए हैं। इसी बीजेपी की विचारधारा से प्रेरित होकर आज मिलन समारोह में नागमणि कुशवाहा, आनंद मिश्रा, सुचित्रा सिन्हा, आशुतोष, अवधेश, जो पार्टी की सदस्यता ग्रहण किए हैं, उन्हें मैं पार्टी अध्यक्ष होने के नाते हृदय से आप सबों का स्वागत करता हूं।
जीवनभर भाजपा के लिए करेंगे काम- आनंद मिश्रा
वहीं, बीजेपी में शामिल होने के बाद आनंद मिश्रा ने कहा कि बिहार को मजबूत बनाने के लिए भाजपा का मजबूत होना जरूरी है और वे इसी सोच के साथ पार्टी में आए हैं। उन्होंने साफ किया कि वे चुनावी टिकट के दावेदार नहीं हैं और जीवनभर भाजपा के लिए काम करेंगे। बता दे कि आनंद मिश्रा पहले प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी से जुड़े थे, जहां उन्हें यूथ विंग की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन हाल के दिनों में उन्होंने पार्टी से दूरी बना ली थी। इससे पहले वे बक्सर से निर्दलीय लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं, हालांकि, उस चुनाव में उन्हें खास सफलता नहीं मिली थी।
बिना किसी शर्त के पार्टी ज्वॉइन किया- नागमणि
पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि कुशवाहा ने 14वीं बार पार्टी बदली है। नागमणि विभिन्न दलों जैसे आरजेडी, जेडीयू और लोजपा में रह चुके हैं और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी बने थे। भाजपा की सदस्यता लेने के बाद नागमणि ने कहा कि वे बिना किसी शर्त के पार्टी में आए हैं और नेतृत्व के हर आदेश का पालन करेंगे। उन्होंने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में कुशवाहा समाज पूरी तरह से एनडीए के साथ खड़ा होगा।
सुचित्रा सिन्हा के बारे में जानें
सुचित्रा सिन्हा बिहार के एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। वह पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि कुशवाहा की पत्नी हैं। उनके पिता, सतीश प्रसाद सिंह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री थे और उनके ससुर जगदेव प्रसाद थोड़े समय के लिए पूर्व उपमुख्यमंत्री थे। सुचित्रा सिन्हा ने साल 2005 में राजनीति में कदम रखा था। उन्होंने लोजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक बनीं। 2005 में बिहार राज्य की राजनीतिक स्थिति के कारण उसी साल अक्टूबर के महीने में फिर से चुनाव हुए। अक्टूबर 2005 में उन्होंने जेडीयू की टिकट पर चुनाव लड़ा और चुनाव जीतकर नीतीश सरकार में खाद्य और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री रहीं।