बिहार 29 अगस्त से 7 सितंबर तक नालंदा के राजगीर हॉकी स्टेडियम में पुरुष एशिया कप 2025 की मेजबानी करेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में हीरो एशिया कप-2025 के आधिकारिक शुभंकर ‘चांद’ और ट्रॉफी का अनावरण किया और ट्रॉफी गौरव यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह प्रतिष्ठित पुरुष हॉकी टूर्नामेंट का 12वां संस्करण बिहार में पहली बार राजगीर खेल परिसर के अत्याधुनिक अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम में आयोजित होगा। इससे पहले 2024 में इसी मैदान पर सफलतापूर्वक आयोजित महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में भारत ने खिताब जीता था।

बिहार की छवि और सशक्त होगी-सीएम नीतीश
शुभंकर ‘चांद’ और ट्रॉफी के अनावरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि हीरो एशिया कप का आयोजन बिहार के लिए गौरव की बात है। इससे न केवल राज्य की खेल आयोजन क्षमता प्रदर्शित होगी बल्कि पर्यटन, कला और संस्कृति के क्षेत्र में भी बिहार की छवि और सशक्त होगी। उन्होंने खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राजगीर में विश्वस्तरीय खेल परिसर का निर्माण बिहार के खेल विकास की दिशा में बड़ा कदम है।
क्या है शुभंकर ‘चांद’ की खासियत
हीरो एशिया कप 2025 का आधिकारिक शुभंकर ‘चांद’ साहस, स्फूर्ति और कौशल से परिपूर्ण भारत के राष्ट्रीय पशु बाघ का प्रतीक है। इसका लाल लबादा शक्ति और उत्साह को दर्शाता है, जबकि जादूगर की टोपी हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की असाधारण प्रतिभा को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती है। ‘चांद’ का नाम मेजर ध्यानचंद से प्रेरित है, जिन्होंने चांदनी रातों में अभ्यास कर हॉकी में इतिहास रचा। यह शुभंकर बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के गौरवशाली बाघ से भी प्रेरणा लेता है, जो शक्ति, चपलता और आत्मविश्वास का प्रतीक है।
टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली टीमें
एशिया कप 2025 में एशिया की शीर्ष छह टीमों के साथ मेजबान भारत और एएचएफ कप से क्वालीफाई करने वाली दो टीमें भाग लेंगी। यानी हीरो एशिया कप हॉकी 2025 में कुल आठ टीमें हिस्सा लेंगी। जिसमें भारत, चीन, जापान, चीनी ताइपे, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, ओमान और बांग्लादेश की टीमें भाग लेंगी। विजेता टीम को सीधे हॉकी विश्व कप का टिकट मिलेगा। अब तक दक्षिण कोरिया ने सबसे अधिक पांच बार खिताब जीता है, जबकि भारत और पाकिस्तान तीन-तीन बार चैंपियन रहे हैं।
ट्रॉफी गौरव यात्रा कहां कहां से गुजरेगी
हॉकी के जुनून को जन-जन तक पहुंचाने के लिए 17 अगस्त से शुरू होने वाली ट्रॉफी गौरव यात्रा बिहार के सभी जिलों के साथ-साथ चेन्नई, चंडीगढ़ (पंजाब, हरियाणा), दिल्ली, ओडिशा, असम और झारखंड से होकर गुजरेगी। इस यात्रा का उद्देश्य युवाओं में हॉकी के प्रति रुचि जगाना, खेल संस्कृति को बढ़ावा देना और इस ऐतिहासिक आयोजन में जनभागीदारी सुनिश्चित करना है।

