हिजाब विवाद के बीच आयुष चिकित्सक नुसरत परवीन को लेकर चल रही तमाम अटकलों पर अब विराम लग गया है। डॉ. नुसरत परवीन अपनी सरकारी नौकरी ज्वाइन करेंगी और जल्द ही अस्पताल में अपनी सेवाएं शुरू करेंगी। गवर्नमेंट तिब्बी कॉलेज ने डॉ. नुसरत परवीन को लेकर साफ शब्दों में कहा है कि वो 20 दिसंबर को सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में योगदान देंगी।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से एक सार्वजनिक कार्यक्रम में आयुष चिकित्सक नुसरत परवीन का हिजाब खींचने का वीडियो वायरल होने के बाद, यह चर्चा तेज थी कि वह अपमानित महसूस कर रही हैं और नौकरी ज्वाइन नहीं करेंगी। हालांकि, इस मामले में अब बड़ा खुलासा हुआ है।
20 दिसंबर को ज्वाइन करेंगीं नौकरी
राजकीय तिब्बी कॉलेज एवं अस्पताल के प्राचार्य (प्रिंसिपल) मो. महफूजर रहमान ने सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है। प्रिंसिपल मो. महफूजर रहमान ने मीडिया को जानकारी दी है कि नुसरत परवीन कल, यानी 20 दिसंबर 2025 को अपनी नौकरी ज्वाइन करेंगी।
सीएम नीतीश को लेकर नाराजगी से भी इनकार
आचार्य डॉ. महफुजुर रहमान ने जानकारी देते हुए बताया कि डॉ. नुसरत प्रवीण ने कभी यह नहीं कहा कि वह नौकरी ज्वाइन नहीं करेंगी। उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया, जिससे भ्रम की स्थिति बनी। उन्होंने यह भी साफ किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से डॉ. नुसरत प्रवीण की किसी तरह की नाराजगी नहीं है।
प्रिंसिपल ने कहा- हिंदू और मुसलमान की कोई बात नहीं
यहां तक की प्रिंसिपल ने कहा कि हिंदू-मुसलमान की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज में इस मामले को लेकर कोई नाराजगी नहीं है। बस कुछ अपना मतलब निकालने के लिए वेवजह मामले को तूल दिया जा रहा है।
कहां से शुरू हुआ विवाद
बिहार की राजधानी पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1283 आयुष डॉक्टरों (आयुर्वेदिक, होमियोपैथिक और यूनानी) को नियुक्ति पत्र दिया था। एक-एक कर नवनियुक्त आयुष चिकित्सकों को नियुक्त पत्र सौंपा जा रहा था, तभी महिला डॉक्टर नुसरत प्रवीण का भी नंबर आया। नुसरत प्रवीण ने अपने चेहरे पर हिजाब लगा रखा था। महिला डॉक्टर नुसरत प्रवीण वहां पहुंची तो पहले नीतीश कुमार ने उन्हें नियुक्त पत्र दिया। फिर नीतीश कुमार ने महिला डॉक्टर से कहा ये क्या लगाए हो और उनका हिजाब खींच दिया, जिसके बाद विवाद शुरू हुआ।

