बिहार विधानसभा चुनाव के बाद जारी एग्जिट पोल के नतीजों ने सियासी माहौल को गरमा दिया है। सारे एग्जिट पोल इशारा कर रहे कि एनडीए की एक बार फिर वापसी हो रही है। जबकि महागठबंधन को तगड़ा झटका लगा है। वहीं, एग्जिट पोल में प्रशांत किशोर के तमाम दावे हवा हो गए दिख रहे हैं। चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को इन एग्जिट पोल में लगभग न के बराबर सीटें दी गई हैं।

किस सर्वेक्षण में क्या अनुमान?
चुनाव से पहले जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने बड़े-बड़े दावे किए थे कि उनकी पार्टी बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव लाएगी। लेकिन एग्ज़िट पोल के आंकड़े इन दावों की पोल खोलते दिख रहे हैं। मैट्रिज, पीपुल्स इनसाइट, पीपुल्स पल्स, जेवीसी और पी-मार्क समेत कुल छह बड़े एग्जिट पोल सामने आए हैं। इनमें पीपुल्स पल्स ने जन सुराज को 0 से 5 सीटों के बीच सीटें मिलने का अनुमान जताया है, जो उसके लिए सबसे बड़ा अनुमान है। पीपुल्स इनसाइट ने 0 से 2 सीट, मैट्रिज ने 0 से 2 जबकि जेवीसी ने 0 से 1 सीट तक की संभावना जताई है। डीवी रिसर्च और चाणक्य स्ट्रैटेजीज के कुछ अन्य सर्वेक्षणों में अधिकतम चार सीटें मिलने का अनुमान है। यानी तस्वीर यही बताती है कि जन सुराज का प्रदर्शन सीटों के हिसाब से बेहद सीमित रह सकता है।
बहुमत हासिल करने का किया था दावा
जन सुराज पार्टी खड़ी करने वाले प्रशांत किशोर ने बहुमत हासिल करने का दावा किया था। प्रशांत किशोर ने चुनाव से पहले कहा था कि उनकी पार्टी या तो 10 सीटें जीतेगी या फिर 150 से ज्यादा सीटें, यानी या तो सीमित असर दिखेगा या बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर होगा। उन्होंने कहा था कि पारंपरिक पार्टियां जन अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर पा रही हैं और जन सुराज पार्टी इस रिक्त स्थान को भर सकती है।
हर विधानसभा सीट पर उम्मीदवार उतारे
बता दें कि प्रशांत किशोर ने पिछले दो वर्षों में पूरे बिहार में पैदल यात्राएं कीं, गांव-गांव जाकर लोगों से बात की और यह दावा किया कि राज्य को एक तीसरे राजनीतिक विकल्प की जरूरत है। चुनाव लड़ने के समय पार्टी ने लगभग हर विधानसभा सीट पर उम्मीदवार उतारे, यह सोचकर कि न्यूनतम संघर्ष से अधिक सीटों तक संभावना बनाई जा सकती है। लेकिन एग्जिट पोल के परिणामों में जन सुराज पार्टी को अधिकतम चार और न्यूनतम शून्य सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है।

