बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच राजनीतिक गलियारे में एक बार फिर हलचल मची है। पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव एक बार फिर चर्चा मे हैं। पप्पू यादव को खुलेआम पैसा बांटना महंगा पड़ गया। राज्य में आचार संहिता लागू होने के बावजूद उन्होंने लोगों के बीच जाकर नगद रूपये बांटे थे, जिसके बाद उन्हें आयकर विभाग ने नोटिस भेज दिया।

पीड़ितों की मदद करना अपराध है, तो बार-बार करूंगा-पप्पू यादव
पप्पू यादव ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी साझा की है। पूर्णिया सांसद ने लिखा है, मुझे इनकम टैक्स का नोटिस मिला है, यदि बाढ़ पीड़ितों की मदद करना अपराध है, तो मैं यह अपराध बार-बार करूंगा।
पप्पू यादव के लपेटे में सांसद-मंत्री से लेकर तेजस्वी तक
सांसद ने स्पष्ट किया कि उन्होंने वैशाली जिले के नयागांव पूर्वी पंचायत के मनियारी गांव में बाढ़ पीड़ितों की मदद की थी। यहां लोगों के घर गंगा में बह गए। उन्होंने कहा, वैशाली जिले के नयागांव पूर्वी पंचायत अंतर्गत मनियारी गांव के बाढ़ पीड़ितों जिनका घर-द्वार सब गंगाजी में विलीन हो गया, उनका मदद न करता तो क्या गृह राज्य मंत्री, स्थानीय MP जैसे स्वघोषित CM उम्मीदवारों की तरह मूकदर्शक बना रहता?
वीडियो वायरल होने के बाद दर्ज हुआ ता एफआईआर
विधानसभा चुनाव के एलान के बाद बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नकद वितरित करने के कारण पप्पू यादव पर वैशाली जिले में आचार संहिता उल्लंघन का केस दर्ज हुआ था। हाल ही में सांसद ने विभिन्न बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद दी। इसका वीडियो वायरल होने के बाद सहदेई थाने में एफआईआर दर्ज कर दी।
80 प्रभावित परिवारों को दी थी आर्थिक मदद
दरअसल, वैशाली के गणियारी गांव में नदी के किनारे लगातार हो रहे कटाव के कारण दर्जनों परिवार बेघर हो गए थे। तब वहां पप्पू यादव ने मौके पर पहुंचकर इन बाढ़ पीड़ितों की समस्याएं सुनीं और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की था। उन्होंने बताया कि लगभग 80 प्रभावित परिवारों को मदद के तौर पर करीब 5 लाख रुपये नकद वितरित किए गए हैं। जिसके बाद चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया था।

