बिहार में चुनाव आयोग लगातार विपक्ष के निशाने पर है। विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग की ओर से कराए गए विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर को लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने लगातार सवाल खड़े किए हैं। चुनाव आयोग पर हमले का सिलसिला जारी है। अब राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के बाद अब कटिहार के विनोदपुर स्थित मकान नंबर 82 सियासी चर्चा का विषय बन गया है।

दरअसल, कटिहार में राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के बाद कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक्स पर ट्वीट कर बिनोदपुर के मकान नंबर 82 में 197 वोटर होने और मकान के 20 साल से बंद होने का दावा किया था। उनका आरोप था कि इतने मतदाता एक बंद मकान में दर्ज होना चुनावी गड़बड़ी का उदाहरण है।
प्रशासन ने कहा- अफवाह फैलाने की कोशिश
ट्वीट सामने आते ही जिला प्रशासन हरकत में आया और मामले की जांच कराई। डीएम मनेश कुमार मीणा ने तुरंत जांच के आदेश दिए। जांच के बाद प्रशासन ने सुप्रिया श्रीनेत के दावे को बेबुनियाद बताते हुए इसे महज अफवाह फैलाने की कोशिश करार दिया। जांच में पता चला कि मकान नंबर 82 में केवल 10-12 लोग ही पंजीकृत हैं, न कि 197। प्रशासन ने साफ तौर पर कहा है कि यह महज अफवाह फैलाने की कोशिश थी।
पड़ोसी-रिश्तेदारों ने भी कांग्रेस के दावे को बताया गलत
मकान नंबर 82 के पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने भी कांग्रेस के आरोप को गलत बताया। उनका कहना है कि यह मकान 20 साल से बंद नहीं है। मकान मालिक और उनके परिवार के लोग फिलहाल बरौनी में रहते हैं और समय-समय पर यहां आते-जाते रहते हैं।
एसआईआर पर विवाद जारी
बता दें कि ने वाले महीनों में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले चुनाव आयोग ने जून 2024 में एसआईआर शुरू किया था, जिसका मकसद मतदाता सूची को अपडेट करना और फर्जी, मृत या डुप्लिकेट वोटरों को हटाना था। एसआईआर के दौरान बिहार में 65 लाख नाम हटाए गए, जिसे विपक्ष ने वोटर दमन का हथकंडा बताया। कांग्रेस और राजद ने इसे एनडीए के पक्ष में मतदाता सूची में हेरफेर का प्रयास करार दिया। सुप्रिया श्रीनेत का ट्वीट इसी अभियान का हिस्सा था, लेकिन जिला प्रशासन की जांच ने उनके दावों की हवा निकाल दी।