राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के परिवार में सब कुछ ठीक नहीं है। राजद सुप्रीमो को किडनी देने वाली बेटी रोहिणी आचार्य ने बिहार विधानसभा चुनाव के बाद परिवार और पार्टी को छोड़ दिया। उन्होंन तेजस्वी यादव और उनके सहयोगी पर बड़ा आरोप लगाते हुए परिवार से किनारा कर लिया। हालांकि, इसका मायके छूटने का मलाल उन्हें जरूर है, तभी तो रोहिणी ने मायके में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए।

जेडीयू ने की रोहिणी को सुरक्षा देने की पेशकश
रोहिणी आचार्य ने बिहार सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया था कि ‘हर बेटी अपने मायके में सुरक्षित महसूस करे।’ इसके बाद बिहार की राजनीति का पारा हाई हो गया। इसके बाद सत्ताधारी पार्टी जेडीयू ने रोहिणी आचार्य को सुरक्षा देने की पेशकश कर दी है।
आरजेडी में जो लोग हैं उनका दम घुट रहा-संजय झा
जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा, नीतीश कुमार सबको सुरक्षा देते हैं, खासकर महिलाओं का हम विशेष ध्यान रखते हैं। उन्होंने कहा, किसी परिवार पर हम लोग व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करते, लेकिन जब बात बेटी के अधिकार की हो, तो उस समय बिहार में नीतीश कुमार का काम आगे रहता है। यही कारण है कि लालू परिवार को भी हम पर ही भरोसा है, क्योंकि आरजेडी में जो लोग हैं, उनका दम घुट रहा है।
बेटियों की सुरक्षा सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता
जेडीयू के राज्यसभा सदस्य संजय कुमार झा ने कहा, हम निश्चित रूप से उनकी टिप्पणियों पर ध्यान देंगे, क्योंकि बेटियों की सुरक्षा और अधिकार सुनिश्चित करना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। अगर हम चुनाव जीत पाए, तो इसमें महिला वर्ग ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई।
रोहिणी ने पोस्ट में क्या लिखा?
इससे पहले लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने गुरुवार को अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में लिखा था कि प्रत्येक बेटी को इस आश्वासन के साथ बड़े होने का अधिकार है कि उसका मायका एक ऐसा सुरक्षित स्थान है, जहाँ वह बिना किसी डर, अपराधबोध, शर्म या किसी को कोई स्पष्टीकरण दिए बिना लौट सकती है। रोहिणी ने अपने इस पोस्ट में बिना नीतीश कुमार का नाम लिए लिखा था, लड़कियों को 10,000 रुपये देना या साइकिलें बांटना, भले ही नेक इरादे से किया गया हो, लेकिन यह भारत में महिलाओं के सशक्तिकरण में बाधा डालने वाले व्यवस्थागत मुद्दों को हल करने के मद्देनजर अपर्याप्त है।

