बिहार की राजनीति में राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) को लेकर हलचल मची हुई है। पार्टी में टूट की खबरें आ रही हैं। ऐसा उस वक्त हो रहा है जब पार्टी नेता लगातार उपेंद्र कुशवाहा का साथ छोड़ रहे है। इस बीच आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है। सासाराम में पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने साफ कहा कि पार्टी पूरी तरह एकजुट है और विधायकों को लेकर सवाल खड़े करना गलत है।

उपेंद्र कुशवाहा ने शुक्रवार को सासाराम में पत्रकारों के सवाल के जवाब में पार्टी को पूरी तरह एकजुट बताया। शुक्रवार को उपेंद्र कुशवाहा सासाराम के परिषद में आम लोगों से मुलाकात कर रहे थे। इसी दौरान पत्रकारों के साथ बातचीत में उन्होंने जवाब दिया कि उनकी पार्टी में किसी प्रकार की टूट का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने पत्रकारों को नसीहत देते हुए कहा कि आपके पास वाजिब सवाल ही नहीं है, जिसका जवाब दिया जाए।
आरएलएम के तीन विधायकों ने बनाई दूरी
दरअसल आरएलएम के तीनों विधायक माधव आनंद, रामेश्वर महतो और आलोक कुमार सिंह बुधवार को पटना में उपेंद्र कुशवाहा के आवास पर आयोजित लिट्टी-चोखा भोज में शामिल नहीं हुए थे। जबकि तीनों विधायक उस समय पटना में ही मौजूद थे। वहीं, दूसरी तरफ तीनों विधायक बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन से मुलाकात की।
सियासी गलियारों में तरह-तरह की अटकलें
इस मुलाकात ने सियासी गलियारों में तरह-तरह की अटकलें शुरू हो गईं। इस मुलाकात के बाद नए राजनीतिक समीकरणों की चर्चाएं तेज हो गईं। हालांकि भाजपा ने इस मुलाकात को औपचारिक बताया है।
दीपक प्रकाश को मंत्री बनाए जाने पर विवाद
आरएलएम में असंतोष की खबरें उस वक्त से शुरू हुई है, जब उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश को नीतीश सरकार में मंत्री बनाया गया। वो ना तो एमएलसी हैं और ना ही विधायक हैं। ऐसे में पार्टी के अन्य विधायकों के बीच इससे नाराजगी है।

