पटना को देश का पहला डबल डेकर एलिवेटेड कॉरिडोर मिला है। सीएम नीतीश कुमार ने इसका शुभारंभ किया। बुधवार सुबह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, मंत्री विजय चौधरी पथ निर्माण विभाग के मंत्री नितिन नवीन समेत कई अधिकारियों और पदाधिकारियों के साथ मिलकर इस कॉरिडोर का निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मौके पर कहा कि पटना की ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु बनाने के लिए लगातार काम हो रहा है। यह फ्लाईओवर इसी दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। डबल डेकर फ्लाईओवर का यह प्रोजेक्ट न केवल आधुनिक शहरी परिवहन का उदाहरण है, बल्कि यह पटना की बुनियादी ढांचे को नई दिशा देने वाला एक मील का पत्थर भी है।
इन इलाकों को जाम की समस्या से मिलेगी राहत
ये डबल डेकर एलिवेटेड फ्लाईओवर गांधी मैदान से पीएमसीएच होते हुए अशोक राजपथ, साइंस कॉलेज और एनआईटी को जोड़ेगा। जमीन के नीचे मेट्रो और ऊपर में तीन लेयर रोड है। इस अनोखे फ्लाईओवर से गांधी मैदान से अशोक राजपथ वाले रास्ते में मिलने वाले जाम से लोगों को स्थाई निजात मिलेगी और यह ट्रैफिक का सीधा समाधान साबित होगा। साथ ही गंगा पथ, कृष्णा घाट और पटना सिटी से संपर्क मजबूत होगा।
लोगों को जाम से निजात मिलेगी
डबल डेकर के ऊपरी डेक की कुल लंबाई 2175।50 मीटर (2 किमी से ज्यादा) है, जो कारगिल चौक से साइंस कॉलेज तक जाती है। वहीं, निचले डेक की कुल लंबाई 1449।30 मीटर (करीब डेढ़ किमी) है। यह पटना कॉलेज से गांधी मैदान को जोड़ती है। इसका ट्रैफिक रूट साइंस कॉलेज से गांधी मैदान की ओर होगी। इस डबल डेकर ब्रिज से न केवल अशोक राजपथ जैसे व्यस्तम मार्गों में लोगों को जाम से निजात मिलेगी बल्कि इसे गांधी मैदान से कृष्णा घाट और गंगा पथ से भी जोड़ा गया है। यह कॉरिडोर गायघाट, पटना सिटी और कच्ची दरगाह तक की पहुंच को भी सुगम बनाएगा। आने वाले दिनों में पीएमसीएच के मल्टी लेवल कार पार्किंग से भी इसे कनेक्ट किया जाएगा।
15 जनवरी 2022 से शुरू हुआ निर्माण कार्य
यह भारत का पहला दो लेन का डबल डेकर फ्लाईओवर है। 422 करोड़ के इस परियोजना का शुभारंभ 15 जनवरी 2022 को हुआ था। 31 मई 2025 को इसका निर्माण कार्य पूरा हो गया। हालांकि 10 प्रतिशत काम अब भी शेष बचे हैं। वह भी जल्द कर लिए जाएंगे।