प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ के जरिए देश की जनता से सीधा संवाद किया। पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के 123वें एपिसोड में योग दिवस पर बात की और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की सफलता का जिक्र किया। इसके साथ ही उन्होंने आपातकाल के 50 वर्ष होने पर भी अपने विचार साझा किए। पीएम मोदी ने आपातकाल और ‘मीसा’ (मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट) का जिक्र कर कांग्रेस और राजद के रिश्ते पर हमला बोला।
इमरजेंसी में लोगों की स्वतंत्रता छीन ली गई-पीएम मोदी
पीएम मोदी ने इंदिरा गांधी सरकार में लगाए गए आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा कि यह एक ऐसा काला सच है जो कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने देश के पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के उस समय के भाषण की एक क्लिप साझा की। जिसमें मोरारजी देसाई कहते हैं कि आपातकाल के समय लोगों को अनेक प्रताड़नाओं का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि इस इमरजेंसी में लोगों की स्वतंत्रता छीन ली गई थी। यहां तक कि जो अखबार सरकार के खिलाफ लिखते थे, उनको भी बंद करा दिया गया था। इतना ही नहीं उस समय न्यायालय भी बंद करा दिए गए थे। अपने हक की बात कहने वाले एक लाख से अधिक लोगों को जेल में बंद कर दिया गया। इंदिरा गांधी की सरकार ने अपनी मनमर्जी से देश पर शासन किया। उन्होंने कहा कि इसकी मिसाल तो दुनिया के इतिहास में भी मिलना मुश्किल है।
“मीसा” को लेकर लालू पर निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर कहा कि देश ने ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाया और यह याद रखने की जरूरत है कि कैसे मीसा एक्ट के तहत हजारों लोगों को जेल में डाला गया था। दिलचस्प बात यह है कि उन्हीं में से एक थे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, जो आज कांग्रेस के साथ इंडिया गठबंधन में हैं। आपातकाल के दौरान जेल में रहते हुए उन्हें बेटी के जन्म की खबर मिली थी और उन्होंने उसका नाम मीसा रखा। लालू ने जेल में बंद वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय से पूछा ‘रामबाहुदर भाई बेटी हुआ है। क्या नाम रखें? तब रामबहादुर राय ने लालू की बेटी का नाम मीसा रखने को कहा था।