Bihar: ‘प्रोटोकॉल नहीं जानता, जूता मारूंगा खींच के…’ आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र फिर सुर्खियों में

Neelam
By Neelam
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बिहार की राजनीतिक में राष्ट्रीय जनता दल के विधायक भाई वीरेंद्र अपनी बयानबाजियों के कारण अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। एक बार फिर मनेर से राजद विधायक भाई वीरेंद्र चर्चा में हैं। एक मोबाइल कॉल रिकॉर्डिंग इंटरनेट मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें मनेर विधायक एक पंचायत सचिव को जूते से मारने की धमकी देते सुनाई दे रहे हैं। हालांकि, मीरर मीडिया वायरल हो रहे ऑडियो की पुष्टि नहीं करता।

फोन पर विधायक जी को पहचान नहीं पाए “सचिव जी”

सोशल मीडिया पर कथित तौर पर भाई वीरेन्द्र का ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह मनेर के एक पंचायत सचिव से फोन पर बातचीत के दौरान गुस्से में धमकी देते सुनाई दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि विधायक ने एक व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने को लेकर पंचायत सचिव से संपर्क किया था। सचिव विधायक की आवाज को मोबाइल पर नहीं पहचान पाया। फिर क्या था इसी पर भड़क गए विधायक जी।

वायरल ऑडियो की बातचीत

  • विधायक: हेलो, भाई वीरेंद्र बोल रहे हैं.
  • पंचायत सचिव: हां, बोलिए.
  • विधायक: कौन बोल रहा है रे?
  • पंचायत सचिव: आप किससे बात करना चाहते हैं?
  • विधायक: पंचायत सचिव से बात करना है.
  • पंचायत सचिव: हां, पंचायत सचिव बोल रहा हूं, बताइए.
  • विधायक: तुम भाई वीरेंद्र को नहीं पहचानते? और ऊपर से बोलते हो “बोलिए”?
  • पंचायत सचिव: आप परिचय दीजिएगा, तब तो पहचानेंगे.
  • विधायक: भाई वीरेंद्र का भी परिचय देना पड़ेगा? मनेर का विधायक हूं मैं. तुमको नहीं मालूम?
  • पंचायत सचिव: जानकारी होती तो ऐसे थोड़े ही बात करता.
  • विधायक: क्या तुम इंग्लैंड से आए हो? मनेर के विधायक को नहीं पहचानते?
  • पंचायत सचिव: हां, विधायक जी बोलिए.
  • विधायक: “हां विधायक जी बोलिए?” जूता से मारूंगा खींच के. जो करना है करो. केस करो या कुछ और. तुम प्रोटोकॉल नहीं मानते. पूरा देश जानता है भाई वीरेंद्र को, और तुम पूछ रहे हो कौन?
  • पंचायत सचिव: ठीक है, बताइए काम क्या है? प्रणाम भी करना चाहिए था मुझे. बोलिए विधायक जी.
  • विधायक: रिंकी देवी के पति अविनाश कुमार का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना है. आवेदन बहुत पहले जा चुका है. सीधे काम करो, टेढ़ई मत दिखाओ.
  • पंचायत सचिव: आप प्रेम से बात करेंगे तो हम भी सम्मान से बात करेंगे. डराने-धमकाने से कुछ नहीं होगा.
  • विधायक: तुम इस तरह बात करोगे मुझसे?
  • पंचायत सचिव: आप जनप्रतिनिधि हैं, तो आपसे उम्मीद होती है कि प्रेमपूर्वक बात करें.
  • विधायक: तुम हमको कैसे नहीं पहचानते? विधायक का नाम नहीं जानते?
  • पंचायत सचिव: नहीं जानते थे कि यहां के विधायक कौन हैं.
  • विधायक: जब अपने क्षेत्र के विधायक को नहीं जानते, तो नौकरी करने का हक भी नहीं है.
  • पंचायत सचिव: आप लिखित दीजिए, मैं ट्रांसफर के लिए तैयार हूं.
  • विधायक: अब ट्रांसफर ही नहीं, और भी बहुत कुछ होगा. ट्रांसफर तो छोटी बात है.

पंचायत सचिव: इस तरह धमकी मत दीजिए. आपका काम प्रक्रिया में है. जब बनेगा, तो आपको सूचना मिल जाएगी

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