बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर वोट चोरी का गंभीर आरोप लगाया है। जिसको लेकर कांग्रेस और आरजेडी नेता ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के जरिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। इसी क्रम में मंगलवार सुबह राहुल गांधी ने बिहार से एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया। कांग्रेस सांसद ने सुबोध कुमार नाम के शख्स का वीडियो शेयर कर चुनाव योग को एक बार फिर घेरा। हालांकि, चुनाव आयोग ने एक बार फिर राहुल गांधी के दावों को खारिज कर दिया है।

मंगलवार सुबह राहुल गांधी ने बिहार से एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए कहा, “जो सुबोध कुमार जी के साथ हुआ, वही लाखों लोगों के साथ बिहार में हो रहा है। वोट चोरी भारत माता पर आक्रमण है, बिहार की जनता ये होने नहीं देगी।” वीडियो में सुबोध कुमार ने दावा किया कि उनका नाम ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल से हटा दिया गया है। हालांकि, चुनाव आयोग ने विस्तृत स्पष्टीकरण जारी करते हुए स्पष्ट किया कि सुबोध कुमार दरअसल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के बूथ लेवल एजेंट (BLA) हैं, न कि कोई साधारण मतदाता।
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
चुनाव आयोग ने इस मामले पर विस्तृत स्पष्टीकरण जारी किया। आयोग ने कहा कि सुबोध कुमार का नाम विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) से पहले भी मतदाता सूची में नहीं था, इसलिए उनके नाम के “हटाए” जाने का सवाल ही नहीं उठता। आयोग ने यह भी बताया कि सुबोध का नाम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार प्रकाशित हटाए गए मतदाताओं की सूची में भी नहीं है। इसके साथ ही, आयोग ने खुलासा किया कि सुबोध ने ड्राफ्ट सूची प्रकाशित होने के बाद न तो फॉर्म-6 के तहत कोई दावा किया और न ही कोई जरूरी घोषणा जमा की। इतना ही नहीं, जब पोलिंग स्टेशन नंबर 10 पर हटाए गए मतदाताओं की सूची सार्वजनिक नोटिस के लिए चस्पा की गई थी, तब सुबोध वहां मौजूद थे, लेकिन उन्होंने कोई आपत्ति नहीं जताई।
प्रशासन के दस्तावेजों ने खोली सच्चाई
जिला प्रशासन ने दस्तावेजों के साथ सुबोध कुमार के दावे को खारिज कर दिया है। निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी ने बताया कि सुबोध ने न तो फॉर्म-6 भरा और न ही आवश्यक घोषणा पत्र जमा किया। प्रशासन ने कहा कि यदि सुबोध भविष्य में नियमानुसार आवेदन करते हैं, तो उनका नाम वोटर लिस्ट में शामिल किया जा सकता है। नवादा प्रशासन ने अपने आधिकारिक मीडिया ग्रुप में यह जानकारी साझा कर सच्चाई सामने लाई है।
पहले भी राहुल के दावे हुए थे खारिज
यह पहला मौका नहीं है, जब आयोग ने राहुल गांधी के “वोट चोरी” वाले दावे का खंडन किया हो। इससे पहले औरंगाबाद में राहुल ने एक महिला रंजू देवी का मामला उठाया था, यह कहते हुए कि उनका और उनके परिवार का नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है। बाद में चुनाव आयोग ने रंजू देवी का एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने खुद कहा कि उनका और उनके परिवार का नाम मतदाता सूची में दर्ज है। रंजू देवी ने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने उन्हें गुमराह किया और कहा कि उनका नाम हटा दिया गया है, साथ ही भरोसा दिलाया कि राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव उनसे मुलाकात करेंगे।