बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र चल रहा है। 5 दिसंबर तक चलने वाले सत्र का आज चौथा दिन था। इस बीच सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की विधानसभा सत्र में उपस्थिति को लेकर। दरअसल, नेता प्रतिपश्र तेजस्वी पिछले दो दिनों से विधानसभा नहीं पहुंच रहे हैं। 2025 में नयी विधानसभा के गठन के बाद जब राज्यपाल का अभिभाषण हो रहा था तब तजेस्वी यादव विधानसभा में मौजूद नहीं थे। आज यानी गुरुवार को भी सदन की कार्यवाही से तेजस्वी यादव अनुपस्थित रहे। ऐसा तक है जब वे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद पर आसीन हैं।

मंगलवार को ही आधिकारिक रूप से नेता प्रतिपक्ष चुने गए तेजस्वी यादव, बुधवार को सदन में मौजूद नहीं थे। उसके साथ ही आज यानी गुरुवार को भी सदन की कार्यवाही से तेजस्वी यादव अनुपस्थित बताए जा रहे हैं। तेजस्वी यादव के गायब रहने को लेकर सत्ता पक्ष और एनडीए ने सवाल करना शुरू कर दिया है। तेजस्वी यादव की अनुपस्थिति को लेकर एलजेपी (आर) और बीजेपी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
तेजस्वी यादव गंभीर नहीं- राजू तिवारी
चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (आर) के विधानमंडल दल के नेता राजू तिवारी ने कहा, तेजस्वी यादव गंभीर नहीं हैं। उनको सदन से जनता से कोई मतलब नहीं है। हमेशा गायब रहते हैं। वे अपनी भूमिका अदा नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज इतना अहम दिन था। राज्यपाल का अभिभाषण हुआ। विधायकों विधान पार्षदों को उन्होंने संबोधित किया। सरकार का क्या एजेंडा नीतियां रहेंगी इसकी जानकारी दी और इस सबके बीच नेता प्रतिपक्ष ही मौजूद नहीं थे। उन्होंने आगे कहा कि आप बड़े पद पर हैं, नहीं आ कर क्या संदेश देना चाहते हैं?
बीजेपी बोली- जिम्मेदारी निभाना नहीं चाहते तेजस्वी
बीजेपी के वरिष्ठ विधायक नीरज बबलू ने आरोप लगाया कि ‘तेजस्वी को जनता ने रिजेक्ट कर दिया’ है, इसलिए वह ‘हताश व परेशान हैं और भागे हुए हैं।’ उन्होंने कहा कि तेजस्वी जिम्मेदारी निभाना नहीं चाहते और उन्हें बिहार के विकास से कोई मतलब नहीं है।
जदयू ने कसा तंज
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने इसे तेजस्वी यादव का ‘ट्रैक रिकॉर्ड’ बताया और तंज कसा कि अगर उन्होंने अपने तौर-तरीके नहीं सुधारे तो अगली बार स्थिति ऐसी भी हो सकती है कि उनके पास इस पद के लिए जरूरी संख्या बल भी न बचे।

