बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने वोटर लिस्ट के पूर्ण निरीक्षण अभियान को लेकर चुनाव आयोग और केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। तेजस्वीयादव ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर निर्वाचन आयोग पर जमकर भड़ास निकाली है। तेजस्वी यादव ने निर्वाचन आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि आयोग खुद कंफ्यूज है और लगातार समय, तिथि और पुनरीक्षण को लेकर अपने आदेश बदल रहा है।

चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप
तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव आयोग खुद नहीं समझ पा रहा है कि उसे क्या करना है। यह पूरा अभियान चुनाव आयोग का किसी राजनीतिक दल से साझा किया हुआ है। अभी तक चुनाव आयोग ने कोई सर्वदलीय बैठक नहीं की है। वहीं बार-बार समय मांगने के बावजूद भी आयोग ने विपक्ष को मिलने का वक्त नहीं दिया है।
चुनाव आयोग पर सवालों की बौछार
तेजस्वी ने इस दौरान चुनाव आयोग से कई तीखे सवाल किए। उन्होंने कहा, चुनाव आयोग के द्वारा जिन दलीलों के साथ पुनरीक्षण की बात की जा रही है, उससे ही उनकी मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। 25 दिनों में आठ करोड़ मतदाताओं तक ये कैसे पहुंचेंगे, बता नहीं पा रहे हैं। 11 डॉक्यूमेंट मांगे गए हैं, वे बिहार के पास नहीं हैं और दी गई दलीलें उदासीनता को दर्शाती हैं। ठीक दो महीने पहले वोटर लिस्ट बदलने का क्या कारण है, इस पर भी सवाल उठाए गए हैं। उन्होंने मीडिया के सामने डॉक्यूमेंट भी गिनाए। तेजस्वी ने यह भी सवाल उठाया कि यह पुनरीक्षण सिर्फ पूरे देश में क्यों नहीं हो रहा है और पूरी प्रक्रिया दो साल पहले क्यों नहीं शुरू हुई।
कितने वोटरों के नाम काटने हैं सब तय-तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद भी प्रक्रिया शुरू नहीं की गई। अगर फर्जी वोटर आए हैं, तो पहले प्रक्रिया क्यों नहीं शुरू हुई। बीएलओ को तीन बार मतदाता के पते पर जाने का निर्देश दिया गया है और मतदाता को भौतिक रूप से उपस्थित रहना पड़ेगा। जो लोग रोजी-रोटी कमाने या मजदूरी करने बाहर जाते हैं, वे चुनाव के दौरान कैसे आएंगे? अचानक पहचान के लिए कैसे आयेंगे? तीन करोड़ लोग पलायन कर मजदूरी करने बाहर जाते हैं और ऐसे सभी लोगों का नाम वोटर लिस्ट से काट दिया जाएगा, जिनमें अधिकांश दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लोग हैं। तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी द्वारा पहले से ही चिन्हित कर लिया गया है कि किस विधानसभा से कितने वोटरों के नाम काटने हैं, सब तय हो चुका है। किस बूथ पर कौन पार्टी जीतती है, सबको पता है। इसी के अनुसार वोटरों के नाम काटने की प्रक्रिया की जा रही है।

