राष्ट्रीय जांच एजेंसी को बिहार में बड़ी सफलता हाथ लगी है। एनआईए ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के बिहार के पूर्व अध्यक्ष महबूब आलम नदवी को गिरफ्तार किया है। आरोपी को बिहार के किशनगंज जिले से पकड़ा गया है। बता दें कि 28 सितंबर 2022 को भारत सरकार ने देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया था।

किशनगंज में पुलिस ने 2022 से फरार चल रहे पीएफआई के तत्कालीन बिहार प्रदेश अध्यक्ष महबूब आलम नदवी को हिरासत में लिया है। पुलिस ने गुरुवार 11 सितंबर को संदिग्ध व्यक्ति को किशनगंज के हलीम चौक से पकड़ा। 39 वर्षीय महबूब आलम नदवी कटिहार जिले के बंशीबाड़ी रामपुर हसनगंज का रहने वाला बताया जाता है। वह मार्च 2025 से किशनगंज में रह रहा था।
2022 में एक केस में आया था नाम
जानकारी के अनुसार वर्ष 2022 में पटना के फुलबारीशरीफ थाना में दर्ज हुए एक केस में उसका नाम सामने आया था। शुरुआती जांच में यह सामने आया था कि पीएफआई के सदस्य आतंकी गतिविधियां चलाने, हथियारों का प्रशिक्षण देने व सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश रच रहे थे। जिसके बाद बिहार पुलिस ने केस को एनआईए को ट्रांसफर कर दिया गया था।
2013 में पीएफआई से जुड़ा
बताया जा रहा है कि हिरासत में लिया गया युवक महबूब आलम नदवी 2013 में इस फ्रंट से जुड़ा था। वह जामिया मिलिया इस्लामिया का पूर्व छात्र है और 2016-17 में बिहार पीएफआई का राज्य अध्यक्ष रह चुका है। 2022 में आतंकी मॉड्यूल का खुलासा होने के बाद वो ओमान भाग गया था। जिसके बाद 2025 में वो किशनगंज पहुंचा और यही रह रहा था। किशनगंज आने के बाद एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्यरत था।
शिक्षण के साथ संगठन के लिए कर रहा था काम
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह आशंका जताई जा रही है कि स्कूल में शिक्षक के रूप में कार्य के साथ-साथ प्रतिबंधित संगठन का किशनगंज में मोर्चा संभाल रहा था। इसके संपर्क में कौन-कौन है और क्या गतिविधि है इसकी जांच की जा रही है। जिस निजी स्कूल में काम कर रहा था वहां भी टीम पूछताछ कर सकती है।

