Bihar: “तुमने तो मैदान ही छोड़ दिया”, तेजस्वी पर भड़के शिवानंद तिवारी, बोले- हार के बाद सहयोगियों को अकेला छोड़ा

Neelam
By Neelam
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बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी की करारी हार के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी लगातार हमलावर बने हुए हैं। पार्टी की हार पर आरजेडी के सीनियर नेता शिवानंद तिवारी ने संजय यादव और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को कठघरे में खड़ा किया है। शिवानंद तिवारी ने फेसबुक पर लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा है और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को बड़ी नसीहत दे दी है।

शिवानंद तिवारी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक बड़ा खत तेजस्वी यादव को लिखा। इसमें उन्होंने लिखा है तेजस्वी, लालू यादव के बेटे हैं। उनके वारिस हैं। बल्की राष्ट्रीय जनता दल का कमान अब तेजस्वी के ही हाथ में है। पिछले चुनाव में तो घोषित हो गया था कि महागठबंधन के बहुमत में आने पर तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री होंगे। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। बल्कि उल्टा हुआ।

तेजस्वी पर शिवानंद तिवारी का बड़ा तंज

जय और पराजय तो किसी भी क्षेत्र में सहज और सामान्य नियम है। लेकिन सबसे महत्त्वपूर्ण सवाल यह है कि हम अपने जय या पराजय को किस रूप में लेते हैं। अगर विजयी पक्ष विजय के बाद अहंकार का प्रदर्शन करता है। पराजित पक्ष को नीचा दिखाने का प्रयास करता है तो भविष्य में वह अपनी पराजय की गाथा लिख देता है। उसी प्रकार पराजित पक्ष के नेता की भूमिका विजयी पक्ष के नेता के मुक़ाबले ज़्यादा बड़ी हो जाती है। क्योंकि अपने सहयोगियों और समर्थकों के मनोबल को बनाए रखने की जवाबदेही उसको ही निभानी होती है। पराजय के बाद अगर वह मैदान छोड़ देता है तो वह स्वयं ही घोषित कर देता है कि वह भविष्य में मैदान में उतरने की लायकियत उसमें नहीं है।

नतीजे के बाद तुम गायब हो गए -शिवानंद तिवारी

शिवानंद तिवारी यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे लिखा कि, 90 के हीरो 2010 में 22 सीट पर सिमट गए। विरोधी दल की मान्यता भी नहीं मिली। तुमने तो थोड़ा बेहतर किया है। विपक्ष के मान्यता प्राप्त नेता हो। लेकिन नतीजे के बाद तुम गायब हो गए! तुम्हें तो अपने सहयोगियों के साथ बैठना था। पार्टी के निचले स्तर तक के साथियों के साथ बैठना था। उनको ढाढस देनी थी, ताकि हार के बाद भी उनका मनोबल थोड़ा बहुत कायम रहे, लेकिन तुमने तो मैदान ही छोड़ दिया।

सहयोगियों और समर्थकों का मन छोटा किया-शिवानंद तिवारी

आरजेडी के वरिष्ठ नेता ने आगे लिखा, समता पार्टी के गठन में मेरी मेरी किसी से कम भूमिका नहीं थी। पहले चुनाव में पार्टी महज़ सात सीटों पर ही सिमट गई। लेकिन हमने मैदान नहीं छोड़ा। लेकिन तुम तो दो दिन भी नहीं टिक पाए। अपने सहयोगियों और समर्थकों का मन छोटा कर दिया।

जगदानंद सिंह और संजय यादव को घेरा

शिवानंद तिवारी ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और पार्टी सांसद संजय यादव पर तेजस्वी को गलत सलाह देने का आरोप भी लगाया। शिवानंद तिवारी ने दोनों नेताओं पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा है कि कार्यकर्ता जगता भाई (जगदानंद सिंह) की इज्जत नहीं करते थे, उनसे डरते थे, वे नेता नहीं साहब थे। जैसे साहब लोग मंत्री को वही सुनाते हैं जो उनको अच्छा लगता है। शिवानंद तिवारी ने कहा कि ‘संजय (संजय यादव) और जगता भाई (जगदानंद सिंह), दोनों ने तुम्हारी आंखों पर पट्टी बांध दी थी। खूब हरियाली दिखाई। एवज में दोनों ने भरपूर हासिल भी कर लिया।

शिवानंद तिवारी ने तेजस्वी को दी बड़ी सलाह

आखिर में शिवानंद तिवारी ने तेजस्वी को बड़ी सलाह दी। उन्होंने कहा, सब कुछ लुट जाने के बाद जब सत्य सामने आया तो तुम सामना नहीं कर पाए। मैं तो सलाह दूंगा कि तत्काल वापस लौटो। बिहार में घूमो। नेता की तरह नहीं, बल्कि कार्यकर्ता की तरह। उनसे बराबरी से मिलो, साहब की तरह नहीं। तभी भविष्य बचेगा। याद रखना समय किसी का इंतजार नहीं करता है।

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