मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खास और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) ने अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृति यानी वीआरएस के लिए अपना आवेदन दिया है। डॉ. एस सिद्धार्थ के इस्तीफे के साथ ही उनके राजनीति में प्रवेश की अटकलें तेज हो गई हैं। ऐसा माना जा रहा है कि वे आने वाला विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैंष बताया जा रहा है कि वे जेडीयू के टिकट पर नवादा से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं।

नीतीश से हरी झंडी मिलने का इंतजार
चर्चित आईएएस अफसर, डॉ. एस सिद्धार्थ ने चुनाव से ठीक पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया जाता है कि उन्होंने 17 जुलाई को अपना वीआरएस आवेदन सरकार को सौंप दिया है, जो अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास विचाराधीन है। मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। वैसे, एस. सिद्धार्थ 30 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। अगर सीएम नीतीश ने मुहर नहीं लगाई तो एस. सिद्धार्थ को नवंबर तक इंतजार करना होगा।
पूर्व एसीएस के कई फैसलों को पलट कर आए सुर्खियों में
सियासी गलियारे में यह चर्चा है कि 1991 बैच के आईएएस अधिकारी एस. सिद्धार्थ विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। नवादा का वह दो बार दौरा भी कर चुके हैं। एसीएस बनने के बाद वह लगातार सुर्खियों में रहे। पूर्व एसीएस केके पाठक के कुछ आदेशों को उन्होंने पलट दिया, जो खूब चर्चा में रही। इनमें से स्कूल नहीं आने वाले बच्चों के नाम काटने वाले आदेश को पलटना भी था। उन्होंने स्पष्ट कहा कि बच्चों के नाम नहीं काटे जाएंगे।
सख्त नीतियों को लेकर विवाद भी हुए
तमिलनाडु के रहनेवाले 1991 बैच के आईएस अधिकारी एस सिद्धार्थ फिलहाल शिक्षा विभाग के एसीएस, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, वायुयान निदेशालय के निदेशक,एल एन मिश्रा इंस्टीच्यूट के निदेशक हैं। उनके कार्यकाल में शिक्षा विभाग में कई सुधार हुए जिनमें मॉडल स्कूलों की स्थापना, शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम और ऑनलाइन शिकायत निवारण तंत्र शामिल हैं। हालांकि, शिक्षकों के तबादले और सख्त नीतियों को लेकर कुछ विवाद भी सामने आए जिसने उनके प्रशासनिक फैसलों पर सवाल उठाए।
बिहार में लगातार हो रहे VRS
बता दें कि आने वाले कुछ महीनों में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले राज्य में आईएएस अधिकारियों स्वेच्छा से सेवानिवृत होने का सिलसिला बढ़ गया है। पिछले 30 दिनों में एस सिद्धार्थ दूसरे आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने वीआरएस लिया है। इससे पहले दिनेश कुमार राय ने 13 जून को इस्तीफा दिया था, जिसे 15 जुलाई से स्वीकार किया गया था।