जमशेदपुर। कोविड के बढ़ते प्रभाव ने एक तरफ जहां राज्य की जनता के आर्थिक स्तिथि को काफी हद तक प्रभावित किया है तो वहीं दूसरी ओर झारखंड सरकार के पेंशन के ऊपर निर्भर प्रदेश के दिव्यांग जन, आंदोलनकारी एवं अन्य पेंशन धारक भी अछूते नही हैं। हेमंत सरकार में पिछले चार माह से किसी भी तरह के पेंशन की राशि जारी ना होने से पेंशनधारी आंदोलनकारी, विधवा, वृद्धा और दिव्यांगजन राज्य सरकार के संवेदनहीनता का शिकार हो रहे है। राज्य सरकार की इस संवेदनहीनता पर आक्रोश व्यक्त करते हुए भाजपा झारखंड प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने हेमंत सरकार को आड़े हाथों लिया है। बुधवार को जारी प्रेस-विज्ञप्ति में कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि झारखंड के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक टुसु और मकर सक्रांति के पर्व को कुछ दिन ही बचे है। परंतु राज्य सरकार के संवेदनहीन रवैये के कारण आंदोलनकारी, दिव्यांगजन एवं विधवा, वृद्धजनों को मासिक पेंशन की राशि पिछले चार महीने से प्राप्त नहीं हुई है। श्री षाड़ंगी ने कहा कि राज्य सरकार के पास अपने मंत्रियों के लिये बड़ी लग्जरी कार एवं मुख्यमंत्री के लिए करोड़ों रुपये है। इसके साथ ही स्मार्ट सिटी परियोजना में मंत्रियों के ऊपर खर्च करने को अरबों रुपये के आलीशान बंगले के लिये पैसे है परंतु प्रदेश के लाचार असहाय जनों के लिये पैसे नहीं है। राज्य सरकार के इस रवैये ने अपनी प्राथमिकता जाहिर कर दी है। कुणाल षाड़ंगी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चुनावी वादे याद दिलाते हुए कहा कि चुनाव से पूर्व राज्य में सभी तरह के पेंशनों की राशि 2500 रुपये महीने करने की बात कही गई। परंतु जनता को आज 1 हजार की पेंशन राशि के लिए भी महीनों से आस लगाए बैठना पड़ रहा है। श्री षाड़ंगी ने राज्य सरकार द्वारा ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम पर निशाना साधते हुए कहा कि एक ओर जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा इस कार्यक्रम का करोड़ो रूपये खर्च कर झूठी वाहवाही लूटी गई तो वहीं चार महीने से पेंशन की राशि लंबित होना सरकार से लेकर शासन तक एवं पंचायत से लेकर प्रशासन तक की स्वयं ही पोल खोल रही है। यह सीधा-सीधा प्रदेश की जनता के साथ अन्याय है। आज राज्य सरकार के लिये दीन-दुखियों एवं असहाय को उनके अधिकार देने के बजाय मुख्यमंत्री एवं मंत्री के ऊपर अनावश्यक पैसे खर्च करना पहली प्राथमिकता बन गयी है। श्री षाड़ंगी ने राज्य सरकार से सभी पेंशनधारियों को टुसु पर्व से पहले मासिक राशि निर्गत करने की मांग की है।

