मिरर मीडिया : गुटबाजी में उलझ कर झामुमो अपनी सीट बचाने में नाकामयाब रहीं आलम ये रहा कि भाजपा ने बाजी मार ली। बता दें कि टुंडी विधानसभा क्षेत्र झामुमो का गढ़ है। झामुमो के संस्थापक बिनोद बिहारी महतो एवं अध्यक्ष शिबू सोरेन की यह कर्मभूमि है। बिनोद बाबू एवं गुरुजी की इस कर्मभूमि पर झामुमो का कब्जा मथुरा प्रसाद महतो बरकरार रखे हुए हैं। पर अंदरूनी गुटबाजी के कारण एक-एक सीट पर झामुमो के तीन-तीन नेता खड़े हो गए। किसी सीट पर यह स्थिति भी रही कि झामुमो ने किसी को भी समर्थन नहीं दिया।
लिहाजा इस गुटबाजी का फायदा भाजपा ने उठाते हुए झामुमो को उसके गढ़ में ही मात दे दी। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रथम चरण के चुनाव में जिला परिषद की छह सीटों में सें तीन सीट जीतकर भाजपा अव्वल रही। दो सीट पर कब्जा कर झामुमो दूसरे नंबर पर रहा। वहीं आजसू को मात्र एक सीट मिली है। झामुमो की गुटबाजी का फायदा उठाते हुए भाजपा ने पूर्वी टुंडी में परचम लहरा दिया।
भाजपा ने झामुमो को जोर का झटका पूर्वी टुंडी में दिया। भाजपा ने नए चेहरे जेबा मेनीसेंट मरांडी को मैदान में उतारा था। जेबा के पक्ष में पूरी भाजपा एकजुट थी, वहीं झामुमो के चार-चार नेता मैदान में ताल ठोंक रहे थे। इन नेताओं में निवर्तमान जिप सदस्य सुनील मुर्मू की पत्नी ललिता लक्ष्मी मुर्मू, प्रखंड अध्यक्ष रामचंद्र मुर्मू की पत्नी गुलाबी मुर्मू, जिलाध्यक्ष रमेश टूडू की सूची वाले प्रखंड अध्यक्ष संदीप हांसदा की पत्नी सरोवती हांसदा एवं झामुमो नेता गिरिलाल किस्कू की पत्नी नीतू देवी शामिल थीं। झामुमो की इस गुटबाजी का लाभ भाजपा को मिला।