झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द ही चुनाव आयोग द्वारा किया जा सकता है। इसको लेकर राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई हैं। सभी प्रमुख पार्टियों ने चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा शुरू कर दी है। हाल ही में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। इस बैठक में झारखंड के अधिकांश विधानसभा क्षेत्रों के लिए संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा की गई। माना जा रहा है कि इस हफ्ते के अंत तक बीजेपी अपनी पहली सूची जारी कर सकती है।
5 घंटे चली अहम बैठक: उम्मीदवारों पर गहन चर्चा
दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर हुई इस बैठक में झारखंड के विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामों पर गहन चर्चा की गई। बैठक लगभग 5 घंटे तक चली, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी के कई शीर्ष नेता और झारखंड कोर ग्रुप के प्रमुख सदस्य शामिल थे। इस बैठक का उद्देश्य राज्य की सभी सीटों के लिए तीन-तीन संभावित उम्मीदवारों के नामों की सूची तैयार करना था।
बैठक के बाद, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के आवास पर चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में एक और बैठक हुई, जो देर रात तक चली। इस बैठक में भी झारखंड के उम्मीदवारों पर विस्तार से चर्चा की गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य के हर विधानसभा क्षेत्र के लिए तीन-तीन नामों के पैनल तैयार किए गए हैं, जिन पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अंतिम सूची पर केंद्रीय चुनाव समिति की मुहर का इंतजार
बीजेपी झारखंड के लगभग सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा कर चुकी है, लेकिन उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम मुहर केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के बाद ही लगेगी। बताया जा रहा है कि इस हफ्ते के अंत तक केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुलाई जा सकती है, जिसमें उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दिया जाएगा। हर सीट के लिए एक से दो नामों को केंद्रीय चुनाव समिति के पास भेजा जाएगा, जहां से अंतिम चयन किया जाएगा।
जल्द आ सकती है पहली सूची
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी बहुत जल्द झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है। पार्टी ने तीन-तीन संभावित उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए हैं, जिनमें से एक-एक नाम को अंतिम रूप से चयनित किया जाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, पहली सूची इस हफ्ते के अंत तक जारी होने की संभावना है। झारखंड में चुनाव नवंबर या दिसंबर में होने की संभावना है, ऐसे में बीजेपी तेजी से अपनी चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप दे रही है।
झारखंड चुनाव: बीजेपी की रणनीति पर नजर
झारखंड विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा साबित हो सकते हैं। पार्टी राज्य में सत्ता में वापसी के लिए कमर कस चुकी है। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था, और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की अगुवाई में गठबंधन सरकार बनी थी। लेकिन इस बार बीजेपी पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरने जा रही है।
चुनाव में जीत हासिल करने के लिए पार्टी का फोकस विशेष रूप से आदिवासी इलाकों और ग्रामीण वोटरों पर है। पार्टी की रणनीति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को प्रमुख रूप से पेश किया जाएगा। बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने झारखंड के जमीनी हालात का आकलन करने के लिए पहले से ही राज्य का दौरा शुरू कर दिया है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर भी आंतरिक चर्चा हो रही है। माना जा रहा है कि पार्टी अपने मजबूत और अनुभवी नेताओं पर भरोसा करके राज्य में सत्ता वापसी की कोशिश करेगी।
जम्मू-कश्मीर और हरियाणा चुनाव परिणामों का प्रभाव
बीजेपी के लिए हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे उत्साहवर्धक रहे हैं। इन चुनावों में पार्टी ने अपनी पकड़ को मजबूत किया है। इन परिणामों का असर अब झारखंड और महाराष्ट्र के चुनावों पर भी देखा जा सकता है। पार्टी नेतृत्व अब झारखंड में भी इन चुनावों की सफलता को दोहराने की कोशिश कर रहा है।
विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी की चुनावी रणनीति में जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के परिणामों की झलक दिखाई देगी। झारखंड की राजनीति में जातीय समीकरण और स्थानीय मुद्दे बेहद अहम माने जाते हैं। ऐसे में बीजेपी स्थानीय स्तर पर मजबूत उम्मीदवार उतारने और केंद्र की योजनाओं के सफल क्रियान्वयन को जनता के सामने प्रमुख मुद्दे के रूप में पेश करने की रणनीति बना रही है।
कड़ी चुनौती देगी विपक्ष
हालांकि, बीजेपी के लिए यह चुनाव आसान नहीं रहने वाला है। सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के गठबंधन ने भी चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। राज्य में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की लोकप्रियता और स्थानीय मुद्दों को लेकर विपक्ष भी पूरी तैयारी के साथ चुनावी मैदान में उतरने की योजना बना रहा है।
झारखंड विधानसभा चुनाव में आदिवासी वोटरों की अहम भूमिका होती है, और जेएमएम का इस वर्ग में मजबूत आधार है। इसके अलावा, हेमंत सोरेन सरकार के विभिन्न फैसले और कल्याणकारी योजनाएं भी चुनाव में प्रमुख मुद्दे बन सकते हैं। ऐसे में बीजेपी को विपक्ष से कड़ी चुनौती मिलने की संभावना है।